सुप्रीम कोर्ट ने ‘जल्लीकट्टू’ को मंजूरी देने वाले कानून की वैधता रखी बरकरार 

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Published By Om Parkash chaubey
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नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को तमिलनाडु के उस कानून की वैधता बरकरार रखी, जिसके तहत सांडों से जुड़े खेल ‘जल्लीकट्टू’ को मंजूरी दी गई थी। न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से यह फैसला सुनाया। पीठ ने इसी के साथ बैलगाड़ी दौड़ की अनुमति देने वाले महाराष्ट्र के कानून की वैधता भी बरकरार रखी।

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‘जल्‍लीकट्टू’ तमिलनाडु के ग्रामीण इलाकों में पोंगल के त्योहार के दौरान आयोजित किया जाने वाला एक पारंपरिक खेल है। सांडों के साथ होने वाले इस खेल पर रोक लगाने की मांग भी उठती रही है।

संविधान पीठ ने ‘जल्‍लीकट्टू’ और बैलगाड़ी दौड़ के आयोजन की अनुमति देने वाले तमिलनाडु और महाराष्ट्र के कानून को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया। इस पीठ में न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी, न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस, न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार भी शामिल थे।

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