Blind Murder Case का हरदोई पुलिस ने किया खुलासा, प्यार के पागलपन में खुद ही सीने पर मारी थी गोली

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Published By Deepak Mishra
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हरदोई। प्रधान के रिश्तेदार की गोली मार कर हत्या नहीं की गई थी, बल्कि उसने एक-तरफा प्यार में पागल हो कर खुद ही खुद को गोली से उड़ा दिया। एसपी राजेश द्विवेदी ने इस ब्लाइंड मर्डर का खुलासा करते हुए कहा है कि प्रधान के नौकर इस सारे मामले का चश्मदीद था और उसी की गवाही के अलावा जो क्लू हाथ लगे हैं, उससे पता चला है कि एक-तरफा प्यार में ऐसा कदम उठाया गया।

बताते चलें कि 11 मई की सुबह लोनार थाने के बरवन निवासी और मझिगवां कुलिया के प्रधान रामवीर सिंह का रिश्तेदार नारायण सिंह निवासी जगसरा थाना अतरौली का शव गांव के बाहर खून से लथपथ खेत में पड़ा हुआ था। इस मामले में नारायण के बहनोई सौरभ सिंह ने अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 302 का मामला दर्ज कराया था।

वारदात का पता होते ही एसपी राजेश द्विवेदी, एएसपी पश्चिमी दुर्गेश कुमार सिंह और सीओ हरपालपुर सत्येन्द्र कुमार सिंह मौके पर पहुंचे और वारदात से जुड़े पहलुओं पर गहराई से छानबीन की।उसके बाद एसपी के निर्देश पर इसके खुलासे के लिए पुलिस की टीमें तैयार की गई और इलाकाई पुलिस के अलावा एसओजी, सर्विलांस और स्वाट टीम को भी लगाया गया था।

शनिवार को एसपी श्री द्विवेदी ने ब्लाइंड मर्डर का खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि नारायण सिंह एक-तरफा प्यार में पागल था। वह 10 मई की रात को खेत पर काम कर रहे नौकरों के लिए खाना ले कर गया हुआ था। वहां काम कर रहे नौकर लल्ला निवासी शेखपुर थाना हरपालपुर ने पुलिस को बताया था कि उसने नारायण को खुद से गोली मारते हुए देखा था,लेकिन इस मामले में कहीं उसका नाम न आ जाए,जिसके डर से वह भाग गया था।

पुलिस ने नौकर की गवाही और गांव वालों से हुई पूछताछ के बाद ब्लाइंड मर्डर का खुलासा कर लिया गया है। एसपी ने बताया कि नारायण ने जिस तमंचे से खुद को गोली मारी थी,उसे रेत के नीचे से बरामद कर लिया गया है। उस तमंचे में कारतूस का खोखा फंसा हुआ मिला। ब्लाइंड मर्डर का खुलासा करने वाली टीम में एसएचओ लोनार विनोद कुमार यादव,एसओजी प्रभारी ब्रजेश कुमार मिश्रा, सर्विलांस/स्वाट टीम प्रभारी प्रेमसागर सिंह, लोनार थाने में तैनात एसआई हरि मिलन सिंह समेत 18 सदस्यीय टीम शामिल रही।

पहले किया प्यार, फिर इंकार
रामवीर सिंह मझिगवां कुलिया के प्रधान है और उनका बेटा लटूरी ग्राम पंचायत का कामकाज संभालता है। नारायण सिंह भी लटूरी के साथ में रहता था। ग्राम पंचायत के पुरवा-मजरों में आने-जाने के बीच नारायण और वहां की पंचायत मित्र के बीच ऐसी दोस्ती हुई कि नारायण उसके ऊपर जान छिड़कने लगा।

इतना ही नहीं उसने प्यार की निशानी के तौर पर अपनी प्रेमिका को अगूंठी भी दी थी, लेकिन उसके बाद दोनों दूर तो हो गए लेकिन फिर भी नारायण की चाहत कम नहीं हुई। दिन हो या रात नारायण प्यार के बाद इंकार करने वाली अपनी प्रेमिका के ख्वाबों-ख्यालों में डूबा रहता था और उसी के चलते उसने खुद की ज़िंदगी तमाम कर ली।

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