जर्मनी में मंदी से भारत के कुछ क्षेत्रों का निर्यात हो सकता है प्रभावित: सीआईआई
नई दिल्ली। जर्मनी में आर्थिक मंदी से भारत का रसायन, मशीनरी, परिधान और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों का यूरोपीय संघ (ईयू) को निर्यात प्रभावित हो सकता है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की निर्यात-आयात (एग्जिम) पर समिति के चेयरमैन संजय बुधिया ने यह बात कही है। उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि जर्मनी में आर्थिक मंदी का भारतीय निर्यात पर असर जानना अभी जल्दबाजी होगी। दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश जर्मनी मंदी का सामना कर रहा है।
इसका सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2022 की चौथी तिमाही में 0.5 प्रतिशत की गिरावट के बाद 2023 की पहली तिमाही में 0.3 प्रतिशत और गिर गया। बुधिया ने पीटीआई-भाषा से कहा, वर्ष 2022 में भारत के कुल निर्यात में जर्मनी का हिस्सा 4.4 प्रतिशत जर्मनी था। भारत ने मुख्य रूप से जैविक रसायनों, मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक्स, परिधान, फुटवियर, लौह-इस्पात के साथ-साथ चमड़े की वस्तुओं का निर्यात किया था। उन्होंने कहा, हालांकि जर्मनी में मंदी के भारत पर प्रभाव का अभी आकलन करना जल्दबाजी होगा, लेकिन उपरोक्त क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि पूरा ईयू बढ़ती ऊर्जा कीमतों का सामना कर रहा है, जिससे लगातार दो तिमाहियों से जर्मनी में मंदी बनी हुई है।
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