बरेली: लापरवाही का ये आलम, 2 घंटे तक दर्द से तड़पती गर्भवती को देखा नहीं

रक्तस्राव होने पर परिजन जिला महिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे

बरेली: लापरवाही का ये आलम, 2 घंटे तक दर्द से तड़पती गर्भवती को देखा नहीं

बरेली, अमृत विचार। जिला महिला अस्पताल में बेहतर इलाज के दावे की पोल खुल गई। शनिवार को गर्भवती 2 घंटे तक दर्द से तड़पती रही। कॉल करने के बाद भी डॉक्टर ने उसे नहीं देखा। उसे रक्तस्राव हो रहा था। मरीज अस्पताल के स्टाफ की रिश्तेदार थी। इसके बाद भी डॉक्टर का दिल नहीं पसीजा। 2 घंटे के बाद खुद सीएमएस को मरीज देखना पड़ा, जबकि वह अवकाश पर थीं।

सीबीगंज के पास्टर कॉलोनी निवासी श्रीपाल की पत्नी मिथलेश दो माह की गर्भवती थीं। गुरुवार को ब्लीडिंग शुरू हुई तो दोपहर 12 बजे परिजन उन्हें लेकर जिला महिला अस्पताल पहुंचे, मरीज अस्पताल की मात्रिका विनीता की रिश्तेदार थी। जिस पर मरीज के आने पर तुरंत मात्रिका ने डॉक्टर को कॉल कर मरीज को देखने को कहा, लेकिन डॉक्टर ने मरीज को देखा नहीं।

मरीज लेबर रूम में दर्द से तड़पती रही। वहीं रक्तस्राव लगातार हो रहा था। जब एक घंटा गुजरने पर भी किसी डॉक्टर ने मरीज को नहीं देखा तो मात्रिका ने दोबारा डॉक्टर से संपर्क किया। इस पर डॉक्टर ने कहा कि मेरा केस नहीं है, मरीज को पीपीसी-ओटी (पोस्ट पार्टम केयर) भेज दो।
आरोप है कि मरीज को प्राथमिक उपचार तक नहीं दिया गया। मात्रिका ने जब सीएमएस को कॉल कर शिकायत की तो अवकाश पर होने के बाद भी वह तुरंत अस्पताल पहुंचीं। उन्होंने 2 :30 बजे मरीज की जांच कर गर्भपात किया। परिजनों का आरोप है कि 2 घंटे तक डॉक्टर ने मरीज को नहीं देखा। ऐसे में अगर मरीज की हालत गंभीर हो जाती तो जिम्मेदार कौन होता।

मरीजों की भीड़ अधिक थी, डॉक्टर लेबर रूम के साथ ही ओपीडी के मरीजों को भी देख रही थीं। इसके चलते मरीज को देखने में देरी हुई। सूचना मिली तो मैंने मरीज का तुरंत इलाज किया-डॉ. पुष्पलता शमी, सीएमएस, जिला महिला अस्पताल।

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