अयोध्या: मोबाइल मॉनिटरिंग से जिले में अचानक घट गए मनरेगा मजदूर
81 लाख मानव दिवस घट कर पंहुचा 46 लाख, कार्य भी हो रहा प्रभावित
अमृत विचार, अयोध्या। अधिक से अधिक रोजगार देने के मुख्यमंत्री के दावों के बीच ग्रामीण इलाकों में रोजगार देने वाली मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों की संख्या आधी रह गई है। मनरेगा से मजदूरों की बेरुखी को देखते हुए बीते वर्ष के 81 लाख मानव दिवस सृजित करने के लक्ष्य के मुकाबले इस वित्तीय वर्ष का लक्ष्य लगभग आधा कर दिया गया है।
बता दें कि मनरेगा में मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम लागू कर दिया गया है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में मनरेगा कार्यों को करने वाले मजदूरों की मॉनिटरिंग एनएमएमएस एप से की जा रही है। एप के माध्यम से मनरेगा योजना के तहत करवाए जा रहे कार्य पर उपस्थित मजदूरों की प्रतिदिन फोटो खींच कर अपलोड करनी होती है। ऐसे में मनरेगा में अब तक होता रहा फर्जीवाड़ा काफी हद तक रुक गया है। जिम्मेदारों का कहना है अब केवल वास्तविक श्रमिक ही कागजों में आ रहे हैं, जबकि एनएमएमएस लागू होने से पहले मनरेगा मजदूरों की संख्या में गोलमाल किया जाता था।
अब 50 हजार तक हो रहा है मानव दिवस सृजित
सौ दिन के रोजगार की गारंटी देने वाली मनरेगा ने कोरोना काल 2020-21 में एक करोड़ 16 लाख मानव दिवस सृजित किए थे। औसतन एक दिन में एक लाख से अधिक मनरेगा मजदूरों को मनरेगा की दिहाड़ी का भुगतान किया जाता था। अब एनएमएमएस लागू होने के बाद 40 से 50 हजार मानव दिवस का ही सृजन हो पा रहा है। विभागीय वेबसाइट के मुताबिक 13 जून 2023 को 46 लाख मानव दिवस सृजित हुए। जिला समन्वयक दीपक कुमार का कहना है कि अब वास्तविक स्थिति आ रही है। उन्होंने बताया कि इससे कार्य में कोई बाधा नहीं आ रही है।
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