नैनीताल: पेडल रिक्शा को ई-रिक्शा में बदलने की अवधि बढ़ी, हाईकोर्ट ने दी राहत, तीन माह का समय बढ़ाया
विधि संवाददाता, नैनीताल, अमृत विचार। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान पेडल रिक्शा मालिकों को राहत देते हुए नगर पालिका के 15 दिन के भीतर पेडल रिक्शा को ई-रिक्शा में बदलने के समय को आगे बढ़ाते हुए उसे तीन माह कर दिया है।
विगत 6 जून को हाईकोर्ट ने नैनीताल में ट्रैफिक जाम को लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई की थी जिसमें नगर पालिका से पूछा था कि माल रोड पर कितने ई-रिक्शा व कितने पेडल रिक्शा चल रहे हैं। नगर पालिका की तरफ से कोर्ट को बताया गया था कि माल रोड पर 11 ई-रिक्शा व 60 पेडल रिक्शा चल रहे हैं। जो 60 पेडल रिक्शा हैं, उनकी जगह ई-रिक्शा चलाए जाने का प्रस्ताव है। इस मामले में मंगलवार को पेडल रिक्शा चालक संघ की तरफ से प्रार्थना पत्र कोर्ट में देकर कहा गया कि नगर पालिका ने उन्हें पेडल रिक्शा को ई- रिक्शा में बदलने के लिए 15 दिन का समय दिया है।
यह समय बहुत कम है इसलिए इसकी अवधि बढ़ाई जाए। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता केके हरबोला ने कोर्ट को यह भी बताया कि ई-रिक्शा की पार्किंग के लिए जगह नहीं है और न ही उनकी बैटरी को चार्ज करने की कोई व्यवस्था है। रिक्शा मालिकों के पास ई-रिक्शा खरीदने के लिए इतना बजट भी नही है इसलिए 15 दिन की अवधि पर्याप्त नहीं है इसलिए इसे बढ़ाया जाए।
मामले के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश ने पूर्व में एक पत्र का स्वतः संज्ञान लिया था। पत्र में कहा गया था कि नैनीताल में खासकर सीजन के दौरान ट्रैफिक जाम की बहुत बड़ी समस्या है। सीजन के दौरान हजारों पर्यटक अपने वाहनों और टैक्सी से यहां आते हैं, जो जाम का मुख्य कारण हैं। उच्च न्यायालय की तरफ से समय-समय पर जिलाधिकारी और पुलिस प्रशासन को ट्रैफिक सुधारने के लिए निर्देश जारी होते हैं परन्तु समस्या का हल आज तक नहीं निकाला गया।
