बरेली: सीबीगंज क्षेत्र में हिंसक कुत्तों ने फिर से बच्चों पर बोला हमला, दो घायल

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Published By Vikas Babu
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सीबीगंज के बंडिया, खना गौंटिया समेत कई गांवों में बच्चों पर लगातार बढ़ रहे हैं हिंसक कुत्तों के हमले

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बरेली/सीबीगंज, अमृत विचार। बरेली को वर्ल्ड क्लास सिटी बनाने के दावे कुछ ही दिन पहले शहर की फिजां में गूंज के चुके हैं लेकिन अब इसी शहर के एक हिस्से में हिंसक कुत्तों के आतंक पर न कोई अफसर गंभीरता दिखाने को तैयार है न कोई नेता। सीबीगंज के गांव खना गौंटिया में शनिवार को फिर हिंसक कुत्तों ने दो बच्चों को बुरी तरह झिंझोड़कर घायल कर दिया। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दस दिनों में इस इलाके में हुई यह तीसरी घटना है। इससे पुरानी घटनाओं की लिस्ट तो काफी लंबी है।

नगर निगम सीमा में आने वाले सीबीगंज के बंडिया और आसपास के गांवों में हिंसक कुत्ते लगातार बच्चों पर हमला कर रहे हैं। शनिवार सुबह फिर खना गौंटिया गांव में आम के एक बाग में खेल रहे बच्चों पर कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया। कई बच्चे तो पेड़ों पर चढ़ गए लेकिन पेड़ पर चढ़ने की कोशिश करते इरफान के 10 वर्षीय बेटे आरिश और उसके 11 साल के फुफेरे भाई हुसैद को कुत्तों ने खींचकर गिरा लिया और उन पर टूट पड़े। कुछ ही देर में दोनों लहूलुहान हो गए। पेड़ पर चढ़े बच्चों के शोर मचाने पर आसपास से पहुंचे लोगों ने कुत्तों को भगाया। इसके बाद आरिश और हुसैद को शहर लाकर अस्पताल में भर्ती कराया गया।

10 दिन के अंदर चार बच्चों पर कुत्तों का हमला
बच्चों पर कुत्तों के हमले तेज होते जा रहे हैं। 13 जून को कन्नौज निवासी अबरार के बेटे शाहनवाज को कुत्तों ने हमला कर बुरी तरह घायल कर दिया था। इसके बाद 16 जून को बंडिया गांव में फरजंद अली की बेटी चांद बी भी बुरी तरह घायल हो गई थी। कुत्तों के दांत लगने से उसके फेफड़े तक जख्मी हो गए थे। चांद बी अब तक पूरी तरह ठीक नहीं हो सकी है। अब दो और बच्चे घायल हो गए हैं।

दो साल में चार बच्चों की ले ली जान
खूंखार कुत्ते दो साल में चार बच्चों की जान ले चुके हैं। दो महीने पहले खना गौटिया के अयान की कुत्तों के हमले में मौत हो गई थी। फरवरी में बंडिया की नई बस्ती निवासी ढाई साल की परी को भी कुत्तों ने मार डाला था। पिछले साल रोहणी और मोरपाल नाम के बच्चों की भी कुत्तों के हमले में मौत हो चुकी है।

घायल हुए बच्चों की गिनती ही नहीं
सीबीगंज के गांवों में कई सालों से कुत्तों का आतंक है। हालत यह है कि हर हफ्ते कुत्तों के बच्चों पर हमले की कोई न कोई घटना हो जाती है। पिछले सालों में कुत्तों के हमलों में कितने बच्चे घायल हुए हैं, इनकी कोई गिनती ही नहीं है। इनमें कई बच्चे अपंगता जैसी स्थिति के शिकार हो चुके हैं, कई का अब तक इलाज चल रहा है।

इतनी भर निभाई जिम्मेदारी...
हाल ही में चांद बी पर कुत्तों का हमला होने के बाद एक दिन पहुंची नगर निगम की टीम बंडिया से दो कुत्तों को पकड़कर लाई थी। दावा पांच कुत्तों को पकड़ने का किया गया और फिर दोबारा गांव की तरफ झांकी तक नहीं। एक दिन एफएसडीए की टीम भी गांव पहुंची और बगैर लाइसेंस चल रही मीट की दो दुकानों को बंद कराकर लौट गई।

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