पीलीभीत: आखिर देर रात क्यों नगर पालिका ने बुला लिए गए आउटसोर्सिंग कर्मचारी..जानिए पूरा मामला 

पीलीभीत: आखिर देर रात क्यों नगर पालिका ने बुला लिए गए आउटसोर्सिंग कर्मचारी..जानिए पूरा मामला 

पीलीभीत, अमृत विचार। चार माह से लंबित आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का भुगतान होने के मामले में कर्मचारियों ने इस प्रकरण को चेयरमैन के समक्ष रखा। जिस पर चेयरमैन ने संज्ञान लिया। उन्हें शक था कि जितने कर्मचारियों का भुगतान निकल रहा है। उतने लोग काम भी कर रहे हैं या नहीं। इस पर चेयरमैन ने समस्त कर्मचारियों को नगरपालिका दफ्तर में बुलाया गया, जहां सत्यापन किया गया। सत्यापन कराने के बाद पालिका की ओर से ठेकेदार के भुगतान में कटौती करने के बाद दो माह का भुगतान रिलीज कर दिया है।

नगरपालिका में शहर की सफाई का जिम्मा संभालने के लिए 180 आउटसोर्सिंग सफाई कर्मचारियों को रखा हुआ है। यह एक ठेकेदार के अंडर में काम करते हैं। वहीं, शहर से कूड़ा उठान के लिए ट्रैक्टर-ट्राली को चलाने के लिए 30 चालक भी रखे गए हैं, जो आउटसोर्स पर ही हैं। सफाई के अलावा दफ्तर और लाइट विभाग में मिलाकर करीब 80 कर्मचारी कार्यरत हैं। जिनका भुगतान ठेकेदार के द्वारा किया जाता है। लेकिन इन कर्मचारियों को चार माह से ठेकेदार के द्वारा भुगतान नहीं किया गया है। 

कुछ दिन पहले लाइट विभाग में कार्यरत कर्मचारी काम ठप कर हड़ताल पर चले गए थे। जिस पर ठेकेदार की ओर से कुछ कर्मचारियों को एक माह का मानदेय मुहैया कराया गया था लेकिन चालकों को पूरे चार माह से मानदेय नहीं मिल सका। मानदेय को लेकर कर्मचारियों ने चेयरमैन डॉ. आस्था से मुलाकात की। जिसके बाद चेयरमैन ने कर्मचारियों का सत्यापन करने के लिए पालिका में बुलाया। जहां आधार कार्ड और ठेकेदारों की सूची से कर्मचारियों का मिलान किया। 

हालांकि, सत्यापन के दौरान गड़बड़ी सामने नहीं आ सकी। लेकिन सशंय होने पर भी ठेकेदार के भुगतान में कटौती करने के बाद दो माह का मानदेय जारी कर दिया गया है। चेयरमैन डॉ. आस्था अग्रवाल ने बताया कि कर्मचारियों की समस्या को देखते हुए भुगतान जारी कर दिया गया है। फिलहाल ऑडिट चल रहा है।

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