मुरादाबाद : बेटे-बहू के सताए बुजुर्ग मां-बाप का पुलिस बनेगी सहारा, एकत्र किया जा रहा ब्योरा

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Published By Bhawna
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पीआरवी कार्यालय पहुंचकर ब्योरा दर्ज करा रहे बुजुर्ग, रिश्तेदार और पड़ोसियों का भी विवरण जुटा रही पुलिस 

ब्योरा दर्ज कराने पहुंचे दलपतपुर के आदिल हुसैन व अफसर अली, कंपोजिट पुलिस कंट्रोल रूम कार्यालय में दूसरी मंजिल पर है पीआरवी सेल।

मुरादाबाद,अमृत विचार। खबरदार, यदि आप अपने बुजुर्ग माता-पिता को परेशान करेंगे तो आप परेशानी में पड़ सकते हैं। पड़ोसी या अन्य किसी ओर ने भी बुजुर्गों को परेशान किया तो पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी। बुजुर्गों की देखरेख करने और उनकी हर जरूरत को पूरा करने के लिए पुलिस को तैयार किया जा रहा है। बुजुर्ग के परिवार में कौन-कौन है, उसके पड़ोसी और रिश्तेदार कौन है आदि विवरण जुटने के लिए पुलिस उन तक पहुंच रही है। 

बुजुर्गों का विवरण ऑनलाइन साफ्टवेयर पर फीड किया जा रहा है। बुजुर्ग को कौन सी बीमारी है, उनका ब्लड ग्रुप क्या है आदि विवरण संग पुलिस करीब 30-35 बिंदुओं पर बुजुर्गों का विवरण एकत्र कर रही है। इसके बाद बुजुर्ग को बस सिर्फ यूपी डॉयल-112 पर एक कॉल करनी होगी, तुरंत पुलिस बुजुर्ग की सेवा में हाजिर हो जाएगी। पुलिस रिस्पांस व्हीकल (पीआरवी) सेल के प्रभारी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह बताते हैं कि कभी-कभी सामने आता है कि किसी बुजुर्ग का परिवार बाहर रह रहा है और बुजुर्ग अपने घर में अकेले है। ऐसे में उसके सामने बुढ़ापे में तमाम कठिनाई आती हैं। बीमारी में दवाई लेने जाना भी उनके लिए मुश्किल होता है।

बताया, किसी बुजुर्ग को दिक्कत न हो और न ही उसे कोई परेशान कर पाए, इसके लिए पुलिस कार्य कर रही है। बताया, इस तरह अब तक उन्होंने जिले के 25 हजार बुजुर्गों का विवरण जुटा लिया है। छजलैट थाना पुलिस ने काफी अच्छा काम किया है। अब तक छजलैट थाना पुलिस ने दो हजार से अधिक बुजुर्गों के पास जाकर उनका विवरण जुटाकर पीआरवी कार्यालय में उपलब्ध भी कराया है। 

एसएसपी कर रहे हैं समीक्षा  
पीआरवी प्रभारी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि जिले में 20 थाने हैं, इन सभी थानों को बुजुर्गों का विवरण जुटाने की जिम्मेदारी दी गई है। इस कार्य की आए दिन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना समीक्षा भी कर रहे हैं।

विवरण जुटाने में आ रहीं व्यावहारिक दिक्कतें
पीआरवी प्रभारी ने बताया, बुजुर्गों का विवरण जुटाने में पुलिस के सामने व्यावहारिक दिक्कतें आ रही हैं। बुजुर्ग या उसके परिवार वाले पुलिस को देखकर संबंधित बिंदुओं पर जानकारी देने से कतरा भी रहे हैं। वह समझ नहीं पा रहे हैं कि पुलिस संबंधित बुजुर्ग का विवरण क्यों जुटा रही है। उन्होंने बताया कि किसी बुजुर्ग का विवरण पुलिस के पास आने से उसका ही लाभ है। यदि किसी बुजुर्ग की कॉल 112 पर आती है तो उसे खोजने में समस्या नहीं आएगी और पुलिस उन तक पहुंचकर संबंधित समस्या का निस्तारण कर सकेगी।

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