अयोध्या : नरसिंह मंदिर के पुजारी की आत्महत्या मामले में तीन महीने बाद आठ के खिलाफ केस दर्ज

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Published By Pradumn Upadhyay
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अमृत विचार, अयोध्या । स्वामित्व विवाद को लेकर मंदिर परिसर में बम धमाके से चर्चा में आए अयोध्या कोतवाली क्षेत्र के रायगंज स्थित नरसिंह मंदिर विवाद का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है। संदिग्ध हालत में लापता मंदिर के महंत की तलाश भले ही अभी पूरी न हो पाई हो, लेकिन फेसबुक पर लाइव होने के बाद मंदिर के पुजारी की 3 माह पूर्व आत्महत्या मामले में 8 लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का नया केस दर्ज हुआ है। यह मामला मृतक के पिता ने दर्ज कराया है। मृतक पुजारी के पिता मंगल प्रसाद पांडेय निवासी नेजाभार, थाना पयागपुर जनपद बहराइच का कहना है कि उनका बेटा रामशंकर दास उर्फ प्रेमसागर नरसिंह मंदिर में मुख्य पुजारी था।

पुलिस ने एक मई 2023 को सूचना दी कि रामशंकर दास उर्फ़ प्रेमसागर ने आत्महत्या कर ली है। उन्होंने तत्काल पुलिस को बताया कि बेटे ने  किरण सिंह और दधिबल तिवारी, देवराम दास वेदान्ती, जयगोविन्द पंडित, महेन्द्र त्रिपाठी, कृष्ण कुमार पाण्डे मालिक रघुनाथ देशिक, हरिओम दास, सूरज नागा के खिलाफ अयोध्या कोतवाली में एक केस पंजीकृत कराया था।

जिसको लेकर किरण सिंह व उसके साथियों ने बेटे के खिलाफ अयोध्या कोतवाली में मारपीट का केस दर्ज कराया था और बेटे को परेशान कर रहे थे। जिसके चलते पुत्र रामशंकर दास मानसिक रूप से परेशान चल रहा था और इस बात की जानकारी उसने फोनकर अपनी मां को दी थी। विपक्षी उसको आत्महत्या करने के लिए प्रेरित और परेशान कर रहे थे। ऐसे में सभी के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की जाय। शिकायत मिलने के बाद अयोध्या कोतवाली पुलिस ने केस दर्ज कर तहकीकात शुरू कर दी है।

गत वर्ष 17 अगस्त की भोर धमाके के बाद प्रकरण हुआ था चर्चित

नरसिंह मंदिर का स्वामित्व विवाद तो काफी पहले से चल रहा था लेकिन 17 अगस्त 22 की भोर मंदिर परिसर में ताबड़तोड़ धमाके की आवाज के बाद विवाद चर्चा में आ गया था। मामले में मंदिर के महंत की ओर से रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई के लिए तहरीर अयोध्या कोतवाली को दी गई थी और रायगंज चौकी प्रभारी को निलंबित भी किया गया था, लेकिन रामनगरी के प्रमुख संत-धर्माचार्यों की ओर से घंटो कोतवाली का घेराव के बाद पुजारी की शिकायत पर पुलिस ने देव राम दास वेदांती समेत आठ के खिलाफ जानलेवा हमला और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत केस दर्ज किया था और पुलिस ने विवेक दास समेत तीन का चालान भी किया था। इस घटना के बाद मंदिर की सुरक्षा के लिए फ़ोर्स तैनात की गई थी और सुरक्षा के बीच प्रयाग माघ मेला के पूर्व महंत 92 वर्षीय रामशरण दास संदिग्ध हाल में लापता हो गए।

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