...यादों में बने रहें, पत्थर पर अंकित कराए सेनानियों के नाम
शहीदों की स्मृतियों से बच्चों को परिचित कराने को सेनानी भवन में होते हैं आयोजन, स्थापित हैं शहीदों की प्रतिमाएं
पीलीकोठी चौराहे के समीप बने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भवन में स्थापित शहीदों की प्रतिमाएं।
मुरादाबाद, अमृत विचार। आजादी की जंग में तन-मन और धन समर्पित करने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को भुलाया न जा सके, इसलिए व्यवस्थापकों ने उनके नाम पत्थर पर अंकित कराएं हैं। स्मृति में स्तंभ स्थापित कराएं हैं। सेनानी भवन में कार्यक्रम हो रहे हैं। चूंकि जिले में कुल स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की संख्या 553 बताई जाती है। इसमें काफी संख्या में सेनानियों के परिवार गुमनाम हो गए हैं।
गुमनाम हो चुके वंशजों में जिन बलिदानियों के नाम बताए जाते हैं उनमें प्रेम प्रकाश अग्रवाल, मुमताज तांगेवाला, झाऊलाल जाटव, गुलाब राय, पं. मदन मोहन शर्मा, रहमतुल्लाह, लतीफ अहमद आदि करीब डेढ़ से दो सौ नाम हैं। अखिल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के महामंत्री धवल दीक्षित बताते हैं कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को भुलाया न जा सके, इसके लिए वह सेनानी भवन में उनकी स्मृति में नियमित कोई न कोई कार्यक्रम करते रहते हैं।
सेनानियों के परिवार को बुलाकर सम्मानित करते हैं। इसी क्रम में पीलीकोठी चौराहे के समीप बने सेनानी भवन में अब तक आजादी की जंग में शहीद मंगल पांडे, अशफाक उल्ला खां, चंद्र शेखर आजाद, तात्या टोपे, सुभाष चंद्र बोष, भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव आदि के वंशजों को बुलाकर सम्मानित किया गया है। कारगिल युद्ध में शौर्य का प्रदर्शन करने वाले परमवीर चक्र से सम्मानित योगेंद्र सिंह यादव को सम्मानित किया गया।
बच्चों को समझा रहे आजादी का महत्व
धवल स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के शेष बचे दस्तावेजों को सुरक्षित करने के लिए संग्रहालय चाहते हैं। उनका कहना है कि सेनानियों के हाथ से लिखी डायरी, कविताएं आदि कई तरह के लेख सेनानियों वंशजों के पास मौजूद हैं। इनको सुरक्षित करने को यदि संग्रहालय की सुविधा हो तो भारत की आजादी के बारे में युवा-बच्चों को भी पहचान हो सके। संग्रहालय में इनका आना-जाना होगा। धवल ने बताया कि 15 अगस्त को लेकर सेनानी भवन में हर रोज तैयारियां और कार्यक्रम हो रहे हैं। सोमवार से नियमित कार्यक्रमों में विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को आमंत्रित कर रहे हैं। इन बच्चों को वर्ष 1930, 1942 और 1857 की घटनाओं में शहीद और आजादी में मुरादाबाद के योगदान के बारे में बताया जा रहा है। बच्चों से प्रश्नोत्तरी भी की जा रही है।
सेनानी भवन में प्रतिमाएं
सेनानी भवन में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की प्रतिमाओं को सुसज्जित किया गया है। यहां 13 प्रतिमाएं स्थापित हैं। इनमें चंद्र शेखर आजाद, मंगल पांडे, बहादुर शाह जफर, रानी लक्ष्मी बाई, बेगम हजरत महल, सूफी अंबा प्रसाद भटनागर, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, उधम सिंह, अशफाक उल्ला खां, राम प्रसाद विस्मिल, सुखदेव, राजगुरु की प्रतिमाएं हैं। शहीदों की स्मृति में सेनानी भवन में शहीद स्तंभ भी स्थापित है। कंपनी बाग में गांधी मूर्ति पार्क व मंडी चौक पान दरीबा में भी एक-एक शहीद स्मारक है।
कल सेनानी भवन में आएंगे प्रवीण तेवतिया
धवल दीक्षित ने बताया कि शुक्रवार को प्रवीण तेवतिया सेनानी भवन में आयोजित कार्यक्रम में आ रहे हैं। प्रवीण तेवतिया नेवी में मरीन कमांडो रहे हैं। उन्होंने मुंबई के 26/11 के आतंकी हमले में अदम्य साहस का परिचय दिया था। इन्हें सीने पर आतंकियों की चार और एक गोली कान पर लगी थीं। उनका एक फेफड़ा भी इससे बेकार हो गया था। सरकार ने इनके साहस को शौर्य पदक से नवाजा था।
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