कासगंज: बाढ़ ने मचाई तबाही, पलायन कर गए कई परिवार
कासगंज, अमृत विचार। पहाड़ों पर हो रही तेज बारिश से गंगा में आई बाढ़ ने तराई क्षेत्र में तबाही मचा दी है। जिससे अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है। ग्रामीणों की दुश्वारियां तेजी के साथ बढ़ी हैं। कई गांवों के कई परिवार गांव छोड़ सुरक्षित स्थान के लिए पलायन कर गए हैं। इधर सिंचाई विभाग बेवस दिखाई दे रहा है।
गंगा नदी में हाईफ्लड के हालात हैं। जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है। बीते 24 घंटे में जलस्तर में पांच सेंटीमीटर तक की बढोत्तरी आई है। यह नहीं है मात्र पांच सेंटीमीटर पानी बढ़ा है बल्कि गंगा नदी के कछला मीटर गेज पर जलस्तर 164.05 सेंटीमीटर हो गया है।
इससे काफी समस्या बढ़ गई है। बाढ़ का पानी फैलकर कई गांवों की आबादी में घुस गया है। लगभग 60 से अधिक गांव जिले में बाढ़ के पानी से प्रभावित हैं। इस बीच जब पानी घरों में घुसने लगा है तो सभी गांवों के ग्रामीण पलायन करने लगे हैं।
गांव कादवाड़ी, कुबेर नगरी, बघेला पुख्ता, पाठकपुर के कई परिवार घर छोड़कर सामान के सोरों के मेला ग्राउंड में सुरक्षित कर रहे हैं और उनके सामने मुसीबत का पहाड़ खड़ा हो गया है। अभी कई परिवार भी पलायन की तैयारी कर रहे हैं और मेला ग्राउंड में वे अपना बसेरा कर रहे हैं। इधर सिंचाई विभाग के अधिकारी बाढ़ पर नियंत्रण पाने में असफल दिखाई दे रहे हैं और बेसश दिखाई दे रहे हैं।
घरों से निकलना हुआ दूभर
तराई क्षेत्र के जिन गांवों में पानी भर गया है वहां ग्रामीणों का घरों से निकलना दूभर हो गया है। बेहद जरूरी काम से ग्रामीण घरों से निकल रहे हैं तो उन्हें पानी के बीच से होकर गुजरना पड़ रहा है। महिलाओं के साथ बच्चों की भी दुश्वारियां बढ़ गई हैं।
प्रशासन ने कराई मुनादी, बच्चों को रखे सुरक्षित
जिला प्रशासन ने तराई क्षेत्र में बाढ़ प्रभावित गांवों में मुनादी करा दी है। राजस्व विभाग की टीमों ने उद्घोषणा की है कि बाढ़ का पानी बढ़ रहा है इसलिए सुरक्षित रहे। बच्चों को घर से बाहर न निकलने दें। जिससे कि उनकी जान को कोई खतर न हो। पशुओं को सुरक्षित स्थान पर बांधे।
टूट रहे संपर्क मार्ग सड़कों पर बह रहा पानी
बाढ़ के पानी ने संपर्क मार्ग तोड़ने शुरू कर दिए हैं। पानी लहरा रोड पर सड़कों पर बह रहा है। इसके अलावा कादरवाड़ी, बघेला, पिलोसराय, दतलाना में भी संपर्क मार्ग टूटने शुरू हो गए हैं। ग्रामीणों का आनाजाना दूभर हो गया है। सड़कों से गुजरने वाले वाहन पानी में फंस रहे हैं। एक बड़ी चुनौती ग्रामीणों और सिंचाई विभाग को जूझना पड़ रहा है।
भूखे पशुओं का आखिर कौन सहारा
फसलें पानी में डूब गई हैं। पशुओं के सामने हरे चारे की दिक्कत है। इसके अलावा पानी गांव की आबादी में धुस गया है तो सूखा चारा भी सड़ने की स्थिति में है। ऐसे में पशु पालकों को इस बात की चिंता सता रही है कि आखिर भूखे पशुओं का कौन सहारा बनेगा।
इन गांवों में भरा पानी
अभयपुरा, रामपुर, ढेलासराय, लहरा, पाठकपुर, दतलाना व इन गांव के आस पास के इलाके में बाढ़ का पानी काफी बढ़ गया है। वहीं नगला उलाई, अजीतनगर, बमनपुरा, सिकंदरपुर ढाव, सुन्नगढ़ी, चकरा, नागर, सहवाजपुर खिदरपुर, उलाईखेड़ा, नगला हंशी, नगला जाटवान, पनसोती, म्यूनी, मेहोल, हिम्मतनगर बझेरा, गठौरा, जिझौल, नगला खुर्द, नगला खिमाई, नगला मनी तक गंगा के पानी की दस्तक पहुंच गई है। कई ग्रामीण इलाकों की आबादी में पानी भर गया है।वहीं कई इलाके बाढ़ के पानी से घिरे हैं। पटियाली इलाके के मेहोल, सहवाजपुर, नरदौली, बरीबगवास के बांधों को फिर से खतरा होने लगा है।
आंकड़ा की नजर में
113767 क्यूसेक पानी हरिद्वार बैराज से छोड़ा गया
130330 क्यूसेक पानी बिजनौर बैराज से छोड़ा गया
311996 क्यूसेक पानी नरोरा बैराज से छोड़ा गया
164.05 मीटर है कछला गंगा नदी का जलस्तर
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