बरेली: जमीन ले ली, न हाइवे बना रहे हैं न किसानों को दे रहे हैं मुआवजा

Amrit Vichar Network
Published By Moazzam Beg
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बरेली, अमृत विचार। बरेली-सितारंगज हाइवे को फोरलेन करने के लिए दो साल पहले जिन 46 गांवों के तीन हजार से ज्यादा किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था, वे अब तक मुआवजे के लिए दौड़ लगा रहे हैं। इनमें से करीब सौ किसानों को ही 66 करोड़ का मुआवजा दिया गया है। किसानों को दस्तावेजों में कमियां बताकर बार-बार लौटाए जाने से उनमें गुस्सा फैल रहा है। उधर, हाइवे का निर्माण भी अब तक शुरू नहीं हो पाया है।

एनएचएआई ने बरेली-पीलीभीत-सितारगंज हाइवे को फोरलेन बनाने के लिए दो साल पहले पीलीभीत और बरेली जिले के 46 गांवों के तीन हजार से ज्यादा किसानों की भूमि अधिग्रहीत की थी जिन्हें मुआवजे का भुगतान एनएचएआई के भूमि राशि पोर्टल के जरिए किए जाने की अनिवार्यता लागू की गई है। कलेक्ट्रेट के विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी कार्यालय के स्टाफ के मुताबिक करीब चार महीने पहले लागू की गई एनएचएआई की यह व्यवस्था कारगर साबित नहीं हुई। 

पोर्टल के जरिए पैसा भेजने के बावजूद कई दिन तक किसानों के खातों में नहीं पहुंचा। कई और दिक्कतें भी सामने आईं। अब ये दिक्कतें खत्म होने के बाद भुगतान की प्रकिया तेज की गई है। हालांकि शनिवार को दस्तावेज लेकर कार्यालय पहुंचे बरेली और पीलीभीत के तमाम किसानों को दस्तावेज अधूरे होने पर मायूस लौटना पड़ा।

2857 करोड़ से बनेगा 71 किमी का फोरलेन हाइवे
फोरलेन निर्माण का बजट 2857 करोड़ रुपये का है जिसकी मंजूरी मिल चुकी है। कुल 70.8 किमी के हाइवे का बरेली जिले में 27.750, पीलीभीत जिले में 30.650 और ऊधम सिंह नगर में 12.40 किमी हिस्सा शामिल होगा। भूमि अधिग्रहण के बाद टेंडर निकाले जाएंगे। तीनों जिलों में आठ बाईपास बनेंगे। बरेली के 20, पीलीभीत के 27 और ऊधमसिंह नगर के 11 गांवों के उन किसानों की सूची भी बनाई गई है, जिनकी जमीन बाईपास बनाने के लिए ली जानी है।

संयुक्त जमीन वाले किसानों की अलग दिक्कत
विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी कार्यालय के कर्मचारी बताते हैं कि कई किसान ऐसे भी हैं जिनकी जमीन में कई हिस्सेदार है। ऐसे मामलों में मुआवजा देने में दिक्कत आ रही है। उदाहरण के तौर पर यदि किसी किसान के पास तीन हेक्टेयर जमीन है और इसमें उसके दो भाइयों का भी अंश है तो सभी को लेखपाल की सत्यापित रिपोर्ट देनी होगी। सर्वाधिक किसान इसी तरह के हैं।

बता ही नहीं रहे, कब देंगे मुआवजा
बरेली-सितारगंज हाईवे को फोरलेन करने के लिए दो साल पहले जमीन दी थी। दो बार यहां कलेक्ट्रेट में विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी कार्यालय आ चुके हैं लेकिन क्षतिपूर्ति धनराशि कब तक मिलेगी, यह साफ नहीं हो रहा है। -चमन सिंह, जगदीशपुर पीलीभीत

अपनी जमीन देकर अब पछता रहे हैं। क्षतिपूर्ति धनराशि के लिए पूछने पर अधिकारी केवल यही कहते हैं कि आने वाले कुछ ही दिन में भुगतान हो जाएगा। लेकिन कब तक होगा इसको लेकर कोई स्थिति साफ नहीं करते। - गोविंद, पीलीभीत

मेरे पास दो बीघा जमीन है जिसमें तीन लोग हिस्सेदार है। शनिवार को मुआवजे के लिए तीसरी बार विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी कार्यालय आया हूं। हर बार दस्तावेजों में कोई न कोई खामियां बताकर लौटा दिया जाता है। - सरन सिंह, नवाबगंज

मुआवजे के भुगतान के लिए दो बार बरेली आए लेकिन समाधान अब तक नहीं हुआ। दो साल पहले जब जमीन का अधिग्रहण किया गया था तो वादा किया था कि एक साल के अंदर सारा भुगतान हो जाएगा। -धनवीर सिंह, जहानाबाद पीलीभीत

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