UP News: अधर में ''मिशन'', कैसे पहुंचे घर-घर जल, निरस्त होगा अनुबंध
लखनऊ, अमृत विचार। जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्रदेश में ग्रामीण पाइप पेयजल परियोजनाएं अधर में हैं। इस कारण घर-घर कनेक्शन देकर जलापूर्ति की कवायद अधूरी है। 16 अगस्त को प्रमुख सचिव नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की अध्यक्षता में हुई समीक्षा में द्वितीय, तृतीय व पंचम चरण में चयनित 66 जिलों में कई की प्रगति खराब मिली। योजना के तहत 72693 राजस्व ग्रामों में राज्य स्तरीय कमेटी से 36752 का डीपीआर अनुमोदित है।
इसमें पोर्टल पर व भौतिक रूप से राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन को उपलब्ध कराए गए डीपीआर में भिन्नता है। इटावा, सिद्धार्थ नगर, संत कबीर नगर, बस्ती, वाराणसी, प्रयागराज व जालौन की सबसे ज्यादा प्रगति खराब मिली। इस कारण यहां कार्य अधूरा होने पर संबंधित फर्मों का अनुबंद निरस्त करने के साथ जुर्माना लगाने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, बुंदेलखंड के जिलों में कमिशनिंग, पोर्टल पर प्रमाणीकरण कर इसी माह पूरा करने की मोहलत दी गई है।
जालौन व प्रयागराज में निरस्त होगा अनुबंध
समीक्षा के दौरान वाराणसी में कार्य की प्रगति धीमी मिली। इस पर संबंधित फर्म पर जुर्माना व प्रयागराज में फर्म का अनुबंध निरस्त करने के लिए नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए। बस्ती में मैन पॉवर व संसाधन न होने पर कार्य की प्रगति धीमी मिली। इस पर फर्म को नोटिस जारी होगा। सिद्धार्थ नगर व संत कबीर नगर में कार्य धीमा मिलने पर जुर्माना व इटावा में मैन पॉवर, मशीनरी आदि संसाधन उपलब्ध न कराने पर फर्म के प्रबंधक निदेशक को नोटिस जारी होगा। जबकि जलौन में भी मैनपावर व मशीनी न होने पर अनुबंद निरस्त करने के निर्देश दिए गए।
सभी फर्मों के कार्य पूर्ण करने का समय निर्धारित है और समय पर परियोजना तैयार करनी है। कार्यों की रोजाना समीक्षा कर कार्रवाई की जा रही है..., बृजराज सिंह यादव, अधिशासी निदेशक, राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन।
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