उमेश पाल हत्याकांड : शाइस्ता और आयशा नूरी पर एक और केस दर्ज, नोटिस चस्पा
प्रयागराज, अमृत विचार। अधिवक्ता उमेश पाल हत्याकांड में फरारी काट रही अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन समेत 6 लोगों के खिलाफ पुलिस ने एक और मुकदमा धूमनगंज थाने में दर्ज किया है। कोर्ट से जारी कुर्की के समन के बावजूद हाजिर न होने पर यह कार्रवाई की गयी है। इस कार्रवाई में अशरफ की बीवी जैनब फातिमा, अतीक की बहन आयशा नूरी, शूटर्स व बमबाज गुड्डू मुस्लिम, अरमान और शाबिर शामिल है।
शाइस्ता परवीन को पुलिस ने पहले ही भगोड़ा घोषित कर चुकी है। उनके ऊपर 50 हजार का इनाम है। जबकि गुड्डू मुस्लिम, अरमान और साबिर पर 5-5 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया है। अतीक की हत्या के बाद शाइस्ता मिट्टी देने नहीं पहुंची थी। हालांकि पुलिस ने दावा किया था कि शाइस्ता उस दिन चोरी से आई थी। लेकिन पुलिस को भनक लगते ही भाग गई थी।
24 फरवरी को उमेश पाल और उनके दो गनर की हत्या के मामले में अतीक की बीवी शाइस्ता परवीन नामजद है। वहीं अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या कर दी गई थी, जबकि 4 अन्य अपराधियों को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था। 9 अपराधियाें को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्रवाई की थी। अतीक की बीवी शाइस्ता, अशरफ की बीवी जैनब, गुड्डू मुस्लिम, शाबिर, अरमान व अतीक की बहन आयशा नूरी अभी पुलिस की पकड़ से दूर है।पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है लेकिन किसी का कोई सुराग नहीं मिला है। पुलिस का कहना है कि यदि सभी हाजिर या गिरफ्तार नहीं हुए तो उनकी संपत्ति कुर्क करने का आदेश कोर्ट से मांगा जाएगा।
थाना प्रभारी राजेश कुमार मौर्या ने बताया कि कोर्ट में हाजिर न होने पर 7 अगस्त को शाइस्ता के चकिया स्थित मकान की कुर्की की नोटिस चस्पा कर दी थी। इस दौरान मुनादी भी कराई गई थी। यह मकान जफर अहमद के नाम से है। अतीक के पुश्तैनी मकान में बुलडोजर चलने के बाद अतीक का परिवार इसी मकान में रहता था। जफर अहमद माफिया अतीक अहमद के वकील खान शौलत हनीफ का साला है, जो बांदा का है।
15 अप्रैल को हुई थी माफिया बंधु की हत्या
प्रयागराज के माेतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय (काल्विन) परिसर में 15 अप्रैल को अतीक और अशरफ की गोलियो से भूनकर हत्या कर दी गई थी। उस वक्त अतीक और अशरफ को मेडिकल जांच के लिए काल्विन अस्पताल में लाया गया था। उस वक्त मीडियाकर्मी के भेष में पहुंचे तीनों शूटरों ने पहले अतीक पर गोलियां चलाई और फिर अशरफ पर तब तक ताबड़तोड़ गोलियां चलाई जब तक दोनों की मौत हो गई थी।
एसआईटी ने दाखिल किया था आरोप पत्र
एसआईअटी (विशेष जांच दल) ने 13 जुलाई को तीनों शूटरों के लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। पूरे मामले की जांच के लिए न्यायिक आयोग की टीम भी मौके पर थी, उनके सामने क्राइम सीन एक बार फिर से दोहराया गया था। एसआईटी की ओर से मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार गौतम के समक्ष आरोप पत्र भी दायर किए गए थे।
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