बरेली: परचम कुशाई की रस्म के साथ तीन रोज़ा उर्स-ए-रज़वी का आगाज़, देर रात तक जारी रहेगा नातिया मुशायरा

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Published By Moazzam Beg
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बरेली, अमृत विचार। इस्लामिया ग्राउंड पर रिमझिम बारिश के बीच परचम कुशाई की रस्म के साथ आला हजरत के 105वें उर्स का रविवार को आगाज हुआ। बारिश में भीगते रजा के हजारों दीवाने पूरे जोशोखरोश के साथ इस पल के गवाह बने। परचम कुशाई के बाद नौमहला मस्जिद में नातिया मुशायरे का आयोजन किया गया।

इस्लामिया ग्राउंड पर रविवार शाम करीब साढ़े छह बजे रजवी परचम मुख्य गेट पर लगा दिया गया। दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खान सुब्हानी मियां ने अपने हाथों से सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां, सय्यद आसिफ मियां और दुनिया के कई उलमा की मौजूदगी में परचम कुशाई की रस्म अदा की। इससे पहले सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां की कयादत में आजम नगर स्थित हाजी अल्लाह बख्श के निवास से परचमी जुलूस शुरू हुआ जो कुमार टॉकीज, इंदिरा मार्केट और बिहारीपुर ढाल होते हुए दरगाह पहुंचा। दरगाह पर सलामी देने के बाद यह जुलूस इस्लामिया ग्राउंड पहुंचा।

रात में इशा की नमाज के बाद नातिया मुशायरा मुफ्ती अहसन मियां की सदारत में मुफ्ती आकिल रजवी, मुफ्ती सलीम नूरी, मुफ्ती सय्यद कफील हाशमी, मुफ्ती मोइनुद्दीन, मुफ्ती अफरोज आलम, मुफ्ती अय्यूब, कारी अब्दुर्रहमान कादरी, मुफ्ती अनवर अली, मौलाना डॉक्टर एजाज अंजुम, मौलाना अख्तर, मौलाना जिकरुल्लाह की निगरानी में शुरू हुआ जो देर रात तक जारी था। मुफ्ती सलीम नूरी ने बताया कि मुशायरा का मिसरा तरही "उंगलियां कानों में दे दे कर सुना करते है।" पर शायरों ने अपने कलाम पेश किए। मुशायरे की निजामत मौलाना फूल मोहम्मद नेमत रजवी और कारी नाजिर रजा बरेलवी ने की।

आला हजरत के साहबजादे हामिद रजा का कुल मनाया
रात 10 बजकर 35 मिनट पर आला हजरत के बड़े साहबजादे हुज्जातुल इस्लाम मुफ्ती हामिद रजा खान हामिद मियां के कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। मुफ्ती सलीम नूरी ने खिताब करते हुए कहा कि हुज्जातुल इस्लाम ने 1938 में मुरादाबाद में हुई एक बड़ी कॉन्फ्रेंस में मुसलमानों से अपने बच्चों तालीम दिलाने पर जोर देने के साथ खुद को आर्थिक रूप से मजबूत करने का आह्वान किया था। दुनिया भर में सुन्नियत की पहचान कराने में अहम रोल अदा किया। आला हजरत की वजह से बरेली सुन्नियत का केंद्र बन गया। हम लोग मुल्क की हिफाजत और हिंदू-मुसलमानों में बढ़ी दूरियों को खत्म करने की कोशिश करें।

लगा रहा चादरों के जुलूस का तांता
उर्स के पहले दिन जिलेभर से चादरों के जुलूस दरगाह आला हजरत पर पहुंचते रहे। रहपुरा से समी खान, अजमल खान, हफीज खान, उवैस खान, ठिरिया निजावत खा से वसीम खान, फहीम खान, रफत अली खान, राशिद खान, मुशाहिद खान स्वाले नगर से मुजाहिद रज़ा, सलमान रज़ा, वसीम रज़ा, आसिफ रजा आजमनगर से जीशान कुरैशी, शहजाद कुरैशी, जैद कुरैशी, फैज कुरैशी, किला, जसोली, फरीदापुर, आंवला, तिलियापुर, पुराना शहर के जुलूस दरगाह पर पहुंचे।

कल मनाया जाएगा रेहाने मिल्लत का कुल
दरगाह के प्रवक्ता नासिर कुरैशी ने बताया कि उर्स के दूसरे दिन सुबह फज्र की नमाज के बाद कुरान ख्वानी होगी। उसके बाद सुबह 9.58 मिनट पर रेहाने मिल्लत और 10.30 बजे मुफस्सिर-ए-आजम के कुल शरीफ की रस्म अदा की जाएगी। इसके बाद आपसी सौहार्द कॉन्फ्रेंस होगी। उलमा समाज सुधार,आपसी सौहार्द, देश में बढ़ती हिन्दू-मुस्लिम दूरी के खात्मे पर चर्चा करेंगे। दिन में कार्यक्रम और चादरपोशी का सिलसिला जारी रहेगा। रात में दुनियाभर के मशहूर उलमा की तकरीर होगी। देर रात 1:40 बजे मुफ्ती आज़म-ए-हिन्द के कुल शरीफ की रस्म अदा होगी।

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