बरेली: तांगा स्टैंड पर व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स पर खर्च कर दिए चार करोड़, फिर भी खाली

बरेली: तांगा स्टैंड पर व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स पर खर्च कर दिए चार करोड़, फिर भी खाली

बरेली, अमृत विचार। नियोजित तरीके से काम न कराने को नतीजे पैसे की बर्बादी के रूप में सामने आते हैं, इससे न तो जनता का भला होता है और न ही निर्माण का उद्देश्य पूरा होता है, स्मार्ट सिटी के कई प्रोजेक्ट के साथ ऐसा ही हुआ है। 

मालगोदाम रोड पर तांगा स्टैंड पर स्मार्ट सिटी के तहत चार करोड़ खर्च कर व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बना दिया गया, मगर डेढ़ साल के बाद भी इसमें व्यावसायिक गतिविधियां शुरू नहीं हो सकीं। कोई भी व्यापारी कॉम्पलेक्स में दुकान लेने के लिए आगे नहीं आया। कॉम्पलेक्स में पार्किंग की व्यवस्था ही नहीं की गई है। अगर ग्राहक खरीदारी करने आएंगे तो वे अपने वाहन कहां खड़ा करेंगे। यही वजह है कि तीन मंजिला व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बनने के बाद भी खाली पड़ा है।

बरेली में वर्ष 2018 में स्मार्ट सिटी योजना लागू हुई। इसमें तत्कालीन अफसरों ने शहरी जनता की लाइफ स्टाइल सुधारने के लिए तमाम प्रोजेक्ट बनाए। कई चरणों के बाद जिन प्रोजेक्टों को हरी झंडी मिली, इसमें व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स भी शामिल था।

वर्ष 21-22 में तांगा स्टैंड पर व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स का निर्माण शुरू हुआ था। वर्तमान में कॉम्प्लेक्स बनकर तैयार है, मगर व्यापारी इसमें दुकान लेने के लिए तैयार नहीं हैं। सबसे बड़ी पार्किंग की समस्या बताई जा रही है। प्रोजेक्ट बनाने से पहले स्मार्ट सिटी के रणनीतिकारों ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया। हालांकि, जिम्मेदार कॉम्प्लेक्स के नीचे खाली जगह को ही पार्किंग बता रहे हैं। जबकि बिल्डर योजना बनाकर भवन बनाते तो निर्माण पूरा होने से पहले ही सभी दुकानें बिक जातीं और वे मुनाफा लेकर दूसरे प्रोजेक्ट पर काम करते, मगर यहां अफसरों ने केवल पैसा खपाया है।

प्रोजेक्ट बनाने से पहले नहीं किया सर्वे, अब हो रहे परेशान
स्टेशन के नजदीक तांगा स्टैंड की जिस जगह पर व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स तैयार किया गया है। वह जगह होटल के लिए ज्यादा उपयुक्त है। भवन के आसपास गोदाम ज्यादा हैं। व्यावसायिक भवन बनाने से पहले अफसरों ने सर्वे नहीं किया। मारवाड़ीगंज के धीरेन्द्र अग्रवाल का मानना है कि नगर निगम ने कॉम्प्लेक्स कॉम्प्लेक्स अच्छा बनाया है, लेकिन वहां सुरक्षा की गांरटी नहीं है। कोई भी व्यापारी अपना शोरूम असुरक्षित जगह पर खोलना नहीं चाहेगा। इसलिए भी व्यापारी यहां दुकान लेने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं।

अफसरों को नहीं मिल रहे खरीदार, बिल्डरों ने भी नहीं दिखाई दिलचस्पी
व्यावसायिक भवनों को खरीदने के लिए अफसरों को खरीदार नहीं मिल रहे हैं। इसके लिए नगर निगम ने बीडीए से सहयोग लेकर बिल्डरों के साथ बैठक भी की, लेकिन बिल्डरों ने भी इसे खरीदने में रुचि नहीं दिखाई। अफसर चाहते हैं कि इस व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स में एक-एक दुकान बेचने के बजाए पूरा भवन कोई बिल्डर खरीद ले और फिर उसे बेचता रहे, लेकिन भवन की जो रकम लगाई जा रही है, वह ज्यादा होने के कारण उसे लेने के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है।

अफसरों को पहले व्यापारियों से लेने चाहिए थे सुझाव
व्यापारियों का कहना है कि अफसर किस तरह का मार्केट विकसित करना चाहते हैं, इसका खाका तैयार करके उस वर्ग के लोगों के साथ बैठक कर उनसे सुझाव आमंत्रित करने चाहिए। व्यवसाय मालगोदाम रोड की इस लोकेशन को लेकर कंफर्ट नहीं है। इस शंका को दूर करने के लिए निगम को कार्ययोजना बनानी चाहिए। भवन के मूल्यों में भी आकर्षण तैयार करना चाहिए। व्यापारियों से आए सुझाव के बाद अफसरों को नियम व शर्त बनानी चाहिए।

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