सुलतानपुर: कैश निकालने वाली कंपनी में भर्ती होकर लाखों रुपये उड़ाए, दो गिरफ्तार

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Published By Deepak Mishra
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एसपी ने किया अलग तरीके के अपराध का खुलासा, दो आरोपियों को किया गिरफ्तार, 6.50 लाख नगदी व पिस्टल बरामद

सुलतानपुर, अमृत विचार। एसपी सोमेन बर्मा ने शनिवार को जिले में एक अलग तरीके के अपराध का खुलासा किया है। एक गिरोह पहले कैश डिपाजिट मशीन से पैसा निकालकर करेंसी चेस्ट में जमा करने वाली कंपनी में शामिल होता है, फिर वहां से निकलकर उसी कंपनी के कुछ लोगों के साथ मिलकर लाखों-करोड़ रुपये का फ्राड कर रहा था।

शनिवार को एसपी ने मीडिया के सामने गिरोह के पकड़े गए मुखिया समेत दो लोगों के साथ लाखों रुपये व अवैध पिस्टल बरामद करने का दावा किया। पुलिस अधीक्षक सोमेन बर्मा ने बताया कि साइबर सेल को इस तरह के अपराध की पिछले कुछ दिनों से इनपुट मिल रहा था। कूरेभार पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर शुक्रवार की रात थाना क्षेत्र के मुजेश चौराहे के पास से दो युवाओं को पिस्टल के साथ गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है।

आरोपी जयशंकर तिवारी निवासी फत्तेपुर थाना धनपतगंज ने बताया कि हमने सिक्योर इंडिया वैल्यू कंपनी के अधिकारी व कर्मचारी को धमकाने के लिए पिस्टल खरीदी थी। उसने आगे बताया कि हमने एटीएम/बीएनए व कैश डिपाजिट मशीन के साफ्टवेयर में छेड़छाड़ कर काफी रकम पार किया है। जिसकी भनक कंपनी के अधिकारियों को लग गई और वे हमसे वसूली करना चाहते थे।

 इस काम में हमारे साथ संजीव सिंह निवासी भौंसा थाना कूरेभार व अन्य लोग शामिल हैं। पुलिस ने जहां जयशंकर के पास से साढ़े पांच लाख तो संजीव के पास से एक लाख रुपए बरामद किया है। इसके अलावा एक पिस्टल, एक पल्सर बाइक व एक मोबाइल भी बरामद किया है।

एसपी ने बताया कि यह गिरोह अब तक दो बैंक के एटीएम को टारगेट किया। जहां से करीब एक करोड़ रुपये तक उड़ाए है। यह रकम कम या फिर और ज्यादा भी हो सकती है। तीन सदस्य गैर जनपद के हैं। जो जल्द पुलिस की गिरफ्त में होंगे। 

इस तरह करते थे धोखाधड़ी 
अब बैंक एटीएम के साथ कैश डिपाजिट मशीन भी लगाने लगे हैं। जहां पर उपभोक्ता जाकर अपना कैश जमा कर देते हैं। उन्हें बैंक में लाइन लगाने से छुट्टी मिल जाती है। इस मशीन से पैसा निकालकर बैंक की ओर से प्राइवेट सिक्योरिटी कंपनियों द्वारा करेंसी चेस्ट में जमा कराया जाता है। जहां पर करीब तीन माह में करेंसी का मिलान कराया जाता है। जब कंपनी के लोग कैश निकालने आते हैं तो बूथ का शटर बंद कर देते हैं।

कुछ लोग बाहर तो कुछ अंदर जाते हैं। इसी में गिरोह के सदस्य भी शामिल रहते थे। जो कैश निकालते थे उसमें आधा या उससे अधिक की रकम निकालकर जमा करा दिया जाता था। इस गिरोह का मुखिया जयशंकर पहले कंपनी का कर्मचारी रह चुका है। वर्कआउट करने में सीओ क्राइम सौरभ सामंत, प्रभारी साइबर क्राइम निरीक्षक आलोक कुमार सिंह व प्रभारी निरीक्षक कूरेभार प्रवीण कुमार यादव की महत्वपूर्ण भूमिका रही। 

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