बरेली: लखनऊ में रेलवे काॅलोनी में हादसे के बाद जागा रेल प्रशासन, 23 तक देनी होगी रिपोर्ट
23 सितंबर तक सभी सीनियर सेक्शन इंजीनियरों को देनी होगी रिपोर्ट
बरेली, अमृत विचार। लखनऊ की फतेह अली रेलवे काॅलोनी के मकान की छत ढहने से एक ही परिवार के पांच लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना के बाद से पूरे रेल महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।
अब तमाम मंडलों के तहत आने वाली रेलवे काॅलोनियों में रहने योग्य और जर्जर हो चुके रेल आवासों की सूची तैयार कर प्रतिदिन निरीक्षण करने के निर्देश मंडल स्तर से इंजीनियरिंग के अधिकारियों को दिए गए हैं। पिछले दिनों अमृत विचार ने इज्जतनगर और मुरादाबाद रेल मंडल के तहत आने वाली रेलवे काॅलोनियों की बदहाली और जर्जर आवासों का मुद्दा प्रमुखता के साथ उठाया था।
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इज्जतनगर रेल मंडल के तहत आने वाली रेलवे काॅलोनियों में करीब पांच हजार से ज्यादा आवास हैं, लेकिन बरेली में लोको काॅलोनी, ऑफिस काॅलोनी, न्यू मॉडल कालोनी समेत कुल चार काॅलोनियों में लगभग 850 रेलवे आवास हैं।

पिछले दिनों अमृत विचार ने कुदेशिया स्थित लोको काॅलोनी के जर्जर हो रहे आवासों का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था। अब लखनऊ में हुए हादसे के बाद वरिष्ठ मंडल इंजीनियर की तरफ से मंडल के सभी सीनियर सेक्शन इंजीनियरों ( कार्य) को आदेश दिया है कि वह अपने-अपने अनुभाग में रेलवे काॅलोनी के आवासों का निरीक्षण एक सप्ताह के अंदर करके सुनिश्चित करें कि कौन से आवास रहने या परित्यक्त कराने के योग्य हैं।
प्रतिदिन निरीक्षण कर विवरण इंजीनियरिंग कंट्रोल को मंडल द्वारा जारी एक प्रोफार्मा पर भरकर भेजना होगा। इसके अलावा इसकी विस्तृत रिपोर्ट 23 सितंबर तक सभी सीनियर सेक्शन इंजीनियरों को उपलब्ध करानी होगी।
नार्थ व साउथ कालोनी में भी जर्जर आवास
मुरादाबाद रेल मंडल के तहत आने वाली नार्थ व साउथ काॅलोनी के जर्जर आवासों में रहने वाले कर्मचारियों की तकलीफ अमृत विचार ने प्रमुखता से प्रकाशित की थी। यहां ऐसे आवासों में रेलवे कर्मचारी रहते मिले थे जहां रहना तो दूर पल भर के लिए खड़े रहना भी दूभर था। कई जर्जर मकान तो हादसों को दावत दे रहे थे।
हालांकि इनमें से कई मकानों की बाद में इंजीनियरिंग द्वारा मरम्मत कराई गई। इसके अलावा खबर का असर यह हुआ कि हाल ही में 60 से ज्यादा कंडम रेलवे आवासों में अवैध रूप से रह रहे लोगों से खाली कराकर इन्हें तोड़ने का काम शुरू किया गया। इसके अलावा अब भी कई ऐसे जर्जर आवास हैं जिनमें जान जोखिम में डालकर रेल कर्मचारी रहने को मजबूर हैं।
इज्जतनगर मंडल के सभी अनुभागों के सीनियर सेक्शन इंजीनियरों (कार्य) को रहने योग्य और जर्जर आवासों की जानकारी एकत्र करने को कहा गया है। साथ ही रेलवे काॅलोनियों में प्रतिदिन निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिये गये हैं--- रोहित गुप्ता, सीनियर डीसीएम, इज्जतनगर मंडल।
जो आवास जर्जर हैं अगर उनमें कोई रह रहा है तो उसको चेक कराया जाएगा। ताकि लखनऊ जैसी घटना दोबारा न हो। इसके अलावा इंजीनियरिंग के अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों की काॅलोनी में नियमित रूप से चेकिंग करते रहते हैं---सुधीर सिंह, सीनियर डीसीएम, मुरादाबाद मंडल।
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