बरेली: RTI में जानकारी देने से बच रहा नगर निगम, टैक्स संबंधी मामलों में सबसे ज्यादा आनाकानी

बरेली: RTI में जानकारी देने से बच रहा नगर निगम, टैक्स संबंधी मामलों में सबसे ज्यादा आनाकानी

बरेली, अमृत विचार। नगर निगम जनता तो दूर पार्षदों को भी जनसूचना अधिकार (आरटीआई) के तहत जानकारी नहीं देता है। इससे लोग परेशान हैं। निगम में अभिलेखों का वास्तविक रखरखाव नहीं होना इसका प्रमुख कारण है।

टैक्स से संबंधित मामलों में अफसर जानकारी देने से अक्सर बचते हैं। वे भ्रामक जानकारी देते हैं या कोई जवाब ही नहीं देते हैं। जानकारी नहीं देने के मामले को पार्षद भी बोर्ड बैठक में उठा चुके हैं। शहर में टैक्स लगाने के मामले को लेकर जनता परेशान है। मनमाने टैक्स लगाने का हिसाब पूछने पर अफसर गोलमोल जवाब देते हैं और सही जानकारी पाने के लिए लोग आरटीआई का सहारा लेते हैं तो उनके आवेदन रद्दी की टोकरी में डाल दिए जाते हैं।

उन पर कोई गौर नहीं करता है। 184, बिहारीपुर निवासी राम चरनदास ने दो माह पूर्व आरटीआई के तहत जानकारी मांगी थी कि एकता नगर में ईडब्लूएस कॉलोनी में मकान पर पहला टैक्स कब लगा। किस तारीख के प्रस्ताव पर मकान पर कितना टैक्स लगाया गया। यह जानकारी निगम अभी तक नहीं दे पाया है।

निगम में टैक्स के कई अभिलेख भी गायब हैं। इससे भी सही जानकारी नहीं मिल पा रही है। भूड़ की पार्षद शालिनी जौहरी ने आरटीआई के तहत नगर निगम से शहर और उनके वार्ड में कितने अवैध विज्ञापन पट लगे हैं और निगम में कितने सफाईकर्मी हैं, मूल पद पर कितने हैं आदि बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी।

दो माह बाद तक जब उन्हें जानकारी नहीं मिली तो उन्होंने बोर्ड बैठक में अपनी व्यथा कही थी। तब अफसरों ने इस मामले में सफाई दी थी। मेयर डाॅ. उमेश गौतम ने भी इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए निगम के हर विभाग को तय समय पर आरटीआई की जानकारी देने की बात कही थी। फिलहाल, पार्षद शालिनी को छह माह बाद दो दिन पहले इस संबंध में जानकारी मिली है।

यह भी पढ़ें- बरेली: निलंबित सचिव पर तीसरी चोट अभी बाकी, पुलिस ने शुरू की गिरफ्तार करने की तैयारी

Post Comment

Comment List

Advertisement