Kanpur: NSI के 88 वें स्थापना दिवस में राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति पहुंचीं, बोली- आप लेने वाले नहीं देने वाले बने

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर में एनएसआई के 88 वें स्थापना दिवस में राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचीं।

कानपुर में एनएसआई के 88 वें स्थापना दिवस में राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि आप लेने वाले नहीं देने वाले बने।

कानपुर, अमृत विचार। आज भारत उस श्रेणी में आ चुका है, जहां आत्मनिर्भरता नजर आ रही है। किसान को अन्नदाता देवता कहा गया है। अक्सर पढ़े लिखे लोगों को कहते सुना है कि बेरोजगार हूं। यह शिक्षा का अपमान है। आपके हाथों में ताकत है आप लेने वाले नहीं देने वाले बने। कुछ नहीं कर सकते तो ट्यूशन पढ़ाएं। यह बात खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय की राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहीं। वह बुधवार को राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एनएसआई) के 88 वें स्थापना दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहीं थी। 

उन्होंने एक कहानी सुनाई कहा कि एक आदमी के घर तीन देवियों ने दस्तक दी। इस पर आदमी ने कहा अपना परिचय दो। तीनों ने अपना परिचय दिया। समृद्धि, सफलता, सदभावना बताया। आदमी में बेटे से पूछा, पत्नी से पूछा और आखिर में सदभावना कहा। तीनों देवियों उनके पास आ गईं। सदभावना से समृद्धि और सफलता तीनो मिलती है।

Sadhvi Niranjan Jyoti

मुख्य अतिथि ने कहा कि सपना देखो तो अच्छा देखो। विद्या अर्जित की है तो अच्छा सोचो। विद्या हमारे आभूषण हैं। यह अमृतकाल है भारत को आत्मनिर्भर बनाना है। किसान तो योगदान दे रहे हैं। नई नई तकनीक सीखें। आपकी प्रगति आपके कार्यों से संस्थान का नाम रोशन हो। मैं हमेशा कहती हूं जो चौकी में बैठे चौकीदार और जो जमीन में बैठे वह जमींदार। अब आप लोग बताएं कौन बड़ा है।

भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्य करना होगा। संकल्प लेना पड़ेगा। हमारा चंद्रयान पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाया गया गया है। विदेश की एक भी सामग्री इस्तेमाल नहीं हुई है। देश की ताकत को पहचाने। आपकी ताकत आपकी मेहनत के दम पर भारत आगे जा रहा है। 

कार्यक्रम में प्रगतिशील गन्ना किसानों और संस्थान के पूर्व उद्यमी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया। संस्थान की प्रगति रिपोर्ट और भविष्य की योजनाओं की जानकारी दी गई। चीनी मिलों को तकनीकी सहयोग के लिए और केन्या, भूटान, यमन, श्रीलंका और अन्य देशों के साथ हुए करार के बारे में बताया गया। पुरातन छात्र जय नारायण कटियार ने अपने विचार रखे।

संस्थान की पूर्व की व्यवस्थाओं और शिक्षकों की जानकारी दी। प्रगतिशील किसान अंबेडकरनगर से अनंत बहादुर सिंह व राणा सिंह,विनोद कुमार, मुजफ्फर नगर के अशोक कुमार, सुभाष सिंह, ओमवीर, रामनरेश, सीतापुर के विवेक कुमार अवस्थी, दिवाकर सिंह, हरदोई के रविन्द्र कुमार, रमेश कुमार सिंह, श्याम बहादुर सिंह, नागेंद्र सिंह को सम्मानित किया गया।

पुरातन छात्र अरविंद कुमार अवस्थी, नीरज गुजराल, जय नारायण कटियार, बृजेन्द्र सहाय, एकता यादव, आयुष कुमार मिश्र का सम्मान हुआ। संस्थान के लोगो का अनावरण किया गया। निदेशक नरेंद्र मोहन ने एनएसआई की दशा और दिशा के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब यह सिर्फ चीनी उद्योग से संबंधित संस्थान नहीं रह गया है यह एक ग्रीन एनर्जी हब बन चुका है। भविष्य की ऊर्जा के उत्पादन का कार्य चल रहा है। 

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