रोहिलखंड मेडिकल कॉलेज में लगा मेगा सर्जिकल शिविर, हड्डी-जोड़ रोग के मरीजों का किया गया निशुल्क ऑपरेशन

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Published By Vikas Babu
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बरेली, अमृत विचार। बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के रोहिलखंड मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल और स्व. कौशील्या कुंदनानी स्वास्थ्य फाउंडेशन की ओर से आयोजित मेगा सर्जिकल कैंप में आए नामचीन हड्डी रोग विशेषज्ञ जटिल सर्जरी कर मरीजों के चेहरे पर मुस्कान लौटा रहे हैं। वर्षों से हड्डी संबंधी रोग से जूझ रहे मरीजों को राहत मिल रही है। तीन दिनों में 60 मरीजों की सर्जरी की गई।

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रोहिलखंड मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में 4 अक्टूबर से यह कैंप चल रहा है। इसमें मंडल भर से करीब 100 रीढ़, कूल्हा घुटना समेत अन्य हड्डी से संबंधित बीमारियों से ग्रसित मरीजों की निशुल्क सर्जरी की जानी हैं। शुक्रवार को मेडिकल कॉलेज सभागार में हड्डी रोगों को लेकर सीएमई आयोजित की गई, जिसमें मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद, कानपुर समेत विभिन्न स्थानों से आए करीब 70 वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञों ने अपने अनुभव साझा किए।

सीएमई में कई सत्र आयोजित किए गए, जिसमें दूर-दूराज क्षेत्रों से आए अन्य डॉक्टरों ने जटिल सर्जरी की बारीकियां सीखीं। इससे पहले सीएमई का आरंभ मुख्य अतिथि बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति डॉ. केशव कुमार अग्रवाल और विशिष्ट अतिथि कुलपति डॉ. लता अग्रवाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर कर किया।

हड्डी एवं जोड़ रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. एमएम नागर ने अतिथियों को पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया। आईएमए के निर्वाचित अध्यक्ष डॉ. आरके सिंह, डॉ. आरजी शर्मा समेत तमाम लोग मौजूद रहे।

60 वरिष्ठ विशेषज्ञ कर रहे मरीजों की सर्जरी
रोहिलखंड मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. वरुण अग्रवाल ने बताया कि मेगा सर्जिकल कैंप से पहले मंडल भर के अलग-अलग क्षेत्रों में कैंप लगातार 100 ऐसे मरीजों की चिह्नित किया गया, जो आर्थिक रूप से कमजोर और जटिल सर्जरी कराने में असमर्थ थे।

इस कैंप में ऐसे मरीजों की सर्जरी की जा रही है। 8 अक्टूबर तक चलने वाले इस कैंप में इन मरीजों की सर्जरी की जाएगी। इसमें 35 मरीज रीढ़ संबंधी, 20 मरीजों का कूल्हा, घुटना प्रत्यारोपण और बच्चों की क्लबफुट यानी टेढ़े-मेढ़े पैरों की जटिल सर्जरी शामिल है।

फाउंडेशन और रोहिलखंड मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का प्रयास सराहनीय
अक्सर ग्रामीण क्षेत्र के मरीज हड्डी की जटिल समस्या के बावजूद विशेषज्ञ डॉक्टर की पहुंच तक नहीं आ पाते हैं। इस प्रकार के कैंप से ऐसे मरीजों को काफी राहत मिलती है। कैंप में मरीजों की जो सर्जरी निशुल्क की जा रही है, उसमें लाखों का खर्च होता है। फाउंडेशन और रोहिलखंड मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का यह प्रयास सराहनीय है।

डॉ. सत्यम मेहता, वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ, मुंबई
हड्डी की समस्या होने पर इसे नजर अंदाज बिल्कुल न करें, भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग खानपान का ध्यान नहीं रखते हैं, जिसका गंभीर असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है। पिछले वर्षों से लगातार हड्डी की बीमारियां बढ़ रहीं हैं। कैंप में विशेषज्ञों की टीम मरीजों की सर्जरी कर रही है। कई ऐसे मरीज हैं, जो 10 वर्षों से हड्डी के असहनीय दर्द से जूझ रहे थे। उन्हें सर्जरी के बाद राहत मिली है।

डॉ. अमित झाला, वरिष्ठ स्पाईन सर्जन, अहमदाबाद
रीढ़ की हड्डी शरीर का मुख्य अंग है। इसकी बीमारी होने का मुख्य कारण है वजन का बढ़ना, लगातार कमर दर्द रहना या फिर एक्सीडेंट के बाद पीठ के दर्द को नजर अंदाज करना। इस प्रकार की समस्या होने पर तुरंत हड्डी रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। कैंप में करीब 30 मरीज रीढ़ संबंधी जटिल बीमारियों से ग्रसित हैं। कुशल टीम की ओर से इन मरीजों की सर्जरी की जाएगी----डॉ. विशाल कुंदनानी, वरिष्ठ स्पाइन सर्जन, मुंबई।

डॉ. प्रमेंद्र ने दिया व्याख्यान
सीएमई में वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डाॅ. प्रमेंद्र माहेश्वरी ने पैरों के जोड़ की हड्डियां टूटने के इलाज पर व्याख्यान दिया। वहीं मुंबई से आए वक्ता डॉ. तुषार अग्रवाल के केस प्रेजेंटेशन में डॉ. प्रमेन्द्र माहेश्वरी और डॉ. आलोक शर्मा ने चेयरमैन की भूमिका निभाई। वहीं, मुंबई से आए डॉ. गिरीश देवनानी और डॉ. तुषार अग्रवाल को बेहतर क्लिनिकल प्रेजेंटेशन के लिए प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया। बरेली से डॉ. निशांत और डॉ. आरपी सिंह को भी प्रतीक चिह्न देकर देकर कार्य की सराहना की गई।

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