मुरादाबाद : नाजुक हालत देख परिजन निजी क्लीनिक से दिल्ली ले जाकर बच्ची को एम्स में कराया भर्ती

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Published By Priya
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कुंदरकी थाना क्षेत्र के अलबरू एकेडमी परिसर में शनिवार सुबह बच्ची को वैन ने रौंदा था, रविवार रात में पिता ने गांधीनगर में कराया था भर्ती

मुरादाबाद, अमृत विचार। कुंदरकी थाना क्षेत्र के अलबरू एकेडमी परिसर में शनिवार को स्कूली वैन ने बच्ची को रौंद दिया था। घायल बच्ची की हालत नाजुक देखकर परिजन मंगलवार को दिल्ली ले जाकर एम्स अस्पताल में भर्ती कराया है। चार वर्षीय बच्ची आयजा अली के पिता अजीम ने बताया कि घटना के दिन पहले उसे कुंदरकी में ही निजी अस्पताल ले गए थे, जहां से उसी शाम मुरादाबाद में गांधीनगर में डॉ. अजय कुमार जैन के क्लीनिक पर भर्ती कराया था। 

मंगलवार तक बच्ची में कुछ सुधार न देकर अजीम सुबह 11 बजे उसे कॉसमॉस ले गए थे, जहां इमरजेंसी में भीड़ अधिक देखकर वह दिल्ली लाए हैं। आयजा को शाम पांच बजे के दौरान एम्स में भर्ती कराया है। फोन पर बातचीत में अजीम ने बताया कि उनकी बच्ची की हालत काफी नाजुक है। तहरीर के लिए कुंदरकी थानाध्यक्ष का फोन आया था लेकिन, वह बच्ची की स्थिति को देखकर थाने नहीं जा पाए हैं। ये भी बताया कि उनके छोटे भाई मोहम्मद उस्मान के पास किसी अधिकारी का भी फोन आया था।

 अजीम ने कहा, बेटी की हालत में कुछ सुधार फिर वह एकेडमी के आरोपियों के विरुद्ध तहरीर देने थाने जरूर जाएंगे। बताया कि उन्हें अफसोस इस बात का है कि बेटी के घायल होने के दूसरे दिन रात तक स्कूल का प्रबंधक तस्लीम अहमद घटना को झुठलाता रहा। घटनास्थल का वीडियो उपलब्ध कराने में स्कूल का स्टॉफ टाल-मटोल करता रहा। कहा, भला हो उस बच्चे का जिसने उनके जन सुविधा केंद्र पर आकर घटना का असल कारण बताया। 

इसके बाद बहुत दबाव बनाने पर उन्हें स्कूल से घटनास्थल के पास लगे कैमरे का वीडियो मिला, तब घटना की हकीकत पता चली। पीड़ित परिजन ने कहा कि उनकी बिटिया को वैन कुचलकर चली गई, उसे वहां कोई सुरक्षित करने वाला तक नहीं मिला। किसी अभिभावक ने फोन कर उन्हें सूचना दी तो वह स्कूल पहुंचे थे, जबकि सूचना देने का प्रथम कर्तव्य स्कूल प्रबंधक या स्टॉफ का था। फिर पूरा प्रकरण इंटरनेट ने घटना का वीडियो वायरल होने के बाद सार्वजनिक हुआ है।

भाई से बड़ी है आयजा
कुंदरकी में अलबरू एकेडमी इमरतपुर मार्ग पर रेलवे क्रॉसिंग के पास है। अजीम कस्बे में कायस्तान मुहल्ले के हैं। उनके दो बच्चों में बेटी आयजा अली ही बड़ी है, जबकि बेटा अब्दुल अभी डेढ़ साल का है। अजीम ने बताया कि बेटी के सिर और कूले में काफी चोट है।

हम वादी नहीं बन सकते : थानाध्यक्ष
कुंदरकी थानाध्यक्ष शैलेंद्र कुमार ने बताया कि गांधी नगर में डॉ. अजय कुमार जैन के क्लीनिक में भर्ती बच्ची की स्थिति और परिजनों से बयान व तहरीर लेने के संबंध में सोमवार को हमने दरोगा को भेजा था। लेकिन, वह लोग तहरीर नहीं दिए थे। मंगलवार को भी उन्होंने तहरीर नहीं दी है, वैसे फोन पर बच्ची के पिता से तहरीर देने के संबंध में बात की थी तो वह थाने आने की बात कह रहे थे। थानाध्यक्ष ने कहा कि इस मामले में वह खुद वादी बनकर रिपोर्ट नहीं दर्ज कर सकते। चूंकि वादी पता नहीं किसे नामजद करना चाहते हैं या एफआईआर ही नहीं लिखाने चाहते हों।

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