मुद्दों पर व्यापक दृष्टिकोण थी लोहिया के चिंतन धारा की विशेषता: शर्मा
बाराबंकी। आज पूरा देश डॉक्टर राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि पर उनको याद कर रहा है। इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इसी कड़ी में जिले के गांधी भवन पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए गांधी जयंती समारोह ट्रस्ट के अध्यक्ष राजनाथ शर्मा ने कहा कि गांधी जी के बाद डॉक्टर राममनोहर लोहिया मुझे सबसे प्रखर विचारक-चिंतक लगते हैं। मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला। वह कहीं से आभिजात्य तबके के नुमाइंदे नहीं लगते।
मूलतः लोहिया राजनीतिक विचारक, चिंतक और स्वप्नद्रष्टा थे, लेकिन उनका चिन्तन राजनीति तक ही कभी सीमित नहीं रहा। मुद्दों पर व्यापक दृष्टिकोण, दूरदर्शिता उनकी चिन्तन-धारा की विशेषता थी। राजनीति के साथ-साथ संस्कृति, दर्शन साहित्य, इतिहास, भाषा आदि के बारे में भी उनके मौलिक विचार थे। इस मौके पर श्री शर्मा सहित अन्य लोगों ने डॉ राममनोहर लोहिया के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। शर्मा ने आगे कहा कि लोहिया की चिन्तन-धारा कभी देश-काल की सीमा की बन्दी नहीं रही।
लोहिया एक नयी सभ्यता और संस्कृति के द्रष्टा और निर्माता थे। हमारी राजनैतिक व्यवस्था उनके दर्शन की उपेक्षा तो नहीं कर सकी पर उन्हें पूरी तरह आत्मसात भी नहीं कर सकी। सूत्र में बात करना लोहिया-विचार की विशेषता है, वे सूत्रों के ज़रिए अपनी बात समझाते है। शर्मा ने बताया कि नेहरू ने जब तिब्बत के सवाल पर चीन के सामने घुटने टेके तो डॉ. लोहिया ने सबसे पहले नेहरू के खिलाफ झन्डा बुलन्द किया और हिमालय बचाओ आन्दोलन छेड़ा। उनका हिमालय बचाओ आन्दोलन केवल पर्यावरण के लिहाज से नहीं, बल्कि सामरिक लिहाज से भी था क्योंकि हिमालय चीन और पाकिस्तान के सामने हमारा प्रहरी था।
शर्मा ने कहा कि महंगाई की मार से आज सरकारों में जुंबिश नहीं होती। मंहगाई के खिलाफ लोहिया के दाम बांधों आन्दोलन से सरकार को पसीने छूट गए थे। जब हम पिछड़ों के आरक्षण लिए सोच भी नहीं रहे थे तब उन्होंने आन्दोलन छेड़ा 'संसोपा ने बांधी गॉंठ, पिछड़ा पावे सौ में साठ।' यह एक लाईन समाजवादियों की आरक्षण नीति थी। लोहिया ने जो दो लाईन में कहा उसकी नीति बनाने में बाद की सरकारों को दशकों लगे।
सभा का संचालन पाटेश्वरी प्रसाद ने किया। इस मौके पर प्रमुख रूप से विनय कुमार सिंह, मृत्युंजय शर्मा, सलाउद्दीन किदवई, फहीम सिद्दीकी, अशोक जायसवाल, तरुण मिश्रा, शैलेंद्र श्रीवास्तव, जलाल नईम खान, साकेत मौर्य, विजयपाल गौतम, नीरज दूबे आदि कई लोग मौजूद रहे।
वहीं सपा कार्यालय पर डॉ.राममनोहर लोहिया की पुण्यतिथि पार्टी पदाधिकारियों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर सदर विधायक धर्मराज सिंह यादव ने कहा कि डॉ. राम मनोहर लोहिया हमेशा कहते थे जिंदा कौमें पांच साल इंतजार नहीं करती। तानाशाह को सत्ता से बेदखल करने का संघर्ष ही एकमात्र रास्ता है। संघर्ष के रास्ते पर चलकर ही सत्ता को पाया जा सकता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष हाफिज अयाज अहमद ने किया। विचार गोष्ठी में जिला महामंत्री हिमांशु यादव कोषाध्यक्ष प्रीतम सिंह वर्मा, प्रवक्ता वीरेंद्र प्रधान, उपाध्यक्ष कामता प्रसाद यादव, राजेंद्र वर्मा पप्पू, यशवंत सिंह यादव, सुरेश चंद्र गौतम, प्रदेश उपाध्यक्ष अधिवक्ता सभा नरेंद्र कुमार वर्मा, प्रदेश सचिव अधिवक्ता सभा संत शरण यादव, रोहित यादव, शैलेंद्र आनंद, ज्ञान सिंह यादव, मायाराम यादव, दीपक गुप्ता, रामसमुझ यादव, यादवेंद्र सिंह यादव, जयसी राम रावत, ललित कुमार मिश्रा, जिला अध्यक्ष महिला सभा श्रीमती पूनम यादव, श्रीमती मिथिलेश रावत, माही वर्मा, रीता यादव, मोनू रावत, नितिन वर्मा आदि मौजूद रहे।
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