‘नो बिल नो पेमेंट’ नीति बरेली जंक्शन पर धड़ाम, ठगे जा रहे यात्री

‘नो बिल नो पेमेंट’ नीति बरेली जंक्शन पर धड़ाम, ठगे जा रहे यात्री

प्रीति कोहली, बरेली, अमृत विचार। बरेली रेलवे जंक्शन पर रेल प्रशासन ने वेंडरों द्वारा सामान का अतिरिक्त मूल्य वसूलने की शिकायतों पर ‘नो बिल, नो पेमेंट’ की नीति लागू की है। लेकिन, हकीकत इससे उलट है।

रविवार को अमृत विचार की टीम ने जंक्शन पर हकीकत परखी तो रेलवे की नीति हवा-हवाई साबित होती दिखाई दी। इसको लेकर यात्रियों ने बताया कि रेलवे जंक्शन पर वेंडरों की मनमानी अब भी हावी है। कोल्ड ड्रिंक की बोतल खरीदने पर पांच रुपये ज्यादा देने पड़ते हैं। 

ओवर रेटिंग पर कहते हैं कि बोतल को ठंडा करने में बिजली खर्च होती है। वहीं, पानी की बोतल पर भी ठंडा करने के नाम पर पांच रुपये तक ज्यादा लिए जा रहे हैं। यात्रियों से 'नो बिल, नो पेमेंट' पॉलिसी के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि इसकी उन्हें जानकारी है। लेकिन कई बार इसका जिक्र करने पर वेंडर झगड़ा करने लगते हैं। इसलिए ज्यादा समय बर्बाद होने और ट्रेन छूटने के डर से अधिक दाम पर ही सामान खरीदना पड़ता है। 

इतना ही नहीं 'नो बिल, नो पेमेंट' नीति में वेंडर से जीएसटी वाला पक्का बिल भी यात्रियों को नहीं मिल पा रहा है। जिसकी शिकायत पर रेलवे प्रशासन वेंडर का लाइसेंस तक निरस्त कर सकता है। इसको लेकर मुरादाबाद मंडल की सीनियर डीसीएम ने अपने अधीनस्थों को इस पॉलिसी के सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए हैं। लेकिन, इसकी खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। 

यात्रियों में जागरूकता की कमी का उठा रहे फायदा 
दरअसल, बाजार में जो भी घरेलू सामान बिकता है, उसकी अधिकतम कीमत टैक्स समेत उस पर अंकित होती है। लेकिन रेलवे जंक्शन पर वह सामान लिखी कीमत से भी ज्यादा पर बेचा जाता है। लंबे समय से मिल रहीं ओवररेटिंग की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए रेलवे बोर्ड ने 'नो बिल, नो पेमेंट' नीति पूरे देश में लागू की है। जिसके प्रति जागरूक करने के लिए बरेली जंक्शन पर बैनजर पोस्टर चस्पा किए गए हैं। 

वहीं मुरादाबाद रेलवे मंडल की ओर से जंक्शन और स्टेशनों पर लगवाए गए इन पोस्टरों में साफ लिखा गया है कि 'बिल नहीं तो खाना फ्री'। यानी वेंडर द्वारा बिल न देने पर कोई भुगतान न करें। इसके बावजूद बरेली जंक्शन पर वेंडर यात्रियों को अधिकतम मूल्य से अधिक दाम में सामान बेच रहे हैं। इसके विरोध पर वेंडर सामन न देने की धमकी देते हैं।

वेंडर नहीं रख रहे स्वाइप और पॉस मशीन
सीएमआई के सूत्रों के मुताबिक वेंडरों को बिल बुक और पॉस मशीनें साथ रखने को कहा गया है। जिससे यात्री के बिल मांगने पर वह उन्हें दे सकें। साथ ही भुगतान लेने के लिए स्वाइप मशीन भी साथ रखने के निर्देश हैं। जिससे यात्री क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड से भुगतान कर सकें। इससे जंक्शन पर आए दिन ओवररेटिंग को लेकर होने वाले झगड़े थम सकें। लेकिन इसके बावजूद वेंडर स्वाइप और पॉस मशीन नहीं रख रहे हैं।

यात्रियों को करेंगे जागरूक, होगा अनाउंसमेंट 
मुरादाबाद मंडल की सीनियर डीसीएम रेखा शर्मा ने बताया कि यात्रियों को जागरूक करने के लिए इस तरह के पोस्टर अन्य स्टेशनों पर भी लगाए गए हैं। जल्द ही प्लेटफॉर्म पर अनाउंसमेंट भी कराया जाएगा कि यात्री किसी भी वेंडर से कुछ भी सामान खरीदें, तो बिल अवश्य मांगें। क्योंकि यह उनके हित में है। इससे वेंडर उन्हें नकली सामान नहीं दे सकेगा। साथ ही अनाधिकृत वेंडरों द्वारा ट्रेन में सामान चोरी करने की घटनाएं भी कम होंगी, लेकिन यह तभी होगा जब यात्री वैध वेंडरों से सामान की खरीद करेंगे।

मैंने यहां से पानी की बोतल खरीदी और उसका बिल मांगा तो वेंडर ने कई बहाने बताते हुए बिल देने से मना कर दिया। साथ ही 15 रुपए की पानी की बोतल 20 रुपए में दी है।- रमेश कुमार, रेलवे यात्री 

मैंने वेंडर से नमकीन और थोड़ा खाने का सामान खरीदा, क्योंकि यहां लिखा हुआ था 'नो बिल नो पेंमेंट' तो यह देखकर मैंने बिल की मांग की तो उन्होंने मशीन खराब होने की बात कही है। -नदीम, रेलवे यात्री

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