बरेली: वामिक मिया का 78 व निशात मिया का 45 व सलाना उर्स के चौथे दिन कुल शरीफ का हुआ समापन

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Published By Ashpreet
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बरेली, अमृत विचार। दरगाह आले रसूल खानकाहे वामिकिया 1 नवंबर से 4 नवंबर तक चार रोजा उर्स चल रहा था जिसमे बड़ी दूर दराज से जायरीनो ने शिरकत की आज  उर्स का आगाज़ 1 नवंबर से परचम कुशाई के साथ हुआ था  जो 4 नवंबर तक चला आज 4 नवंबर को कुल की रस्म अदा की गई।

जिसमे सुबह तिलावते कुरान से महफिल का आगाज़ हुआ।और ईमाम सुनहरी मस्जिद के  कारी गुलाम यासीन ने कुरान पाक की किरत पेश की और हाफिज अलाउद्दीन ने निजामत फरमाई कुल शरीफ में डा0 मेहमूद वामिकी ने वामिक मिया की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वामिक मिया वो रूहानियत शक्सियत के मालिक थे।

जिन्होंने अपनी ऊमरी में सिर्फ अपनी पूरी जिंदगी अल्लाह और मोलाई के नाम वकफ करदी और उन्होंने कुरान पाक का तर्जुमा भी किया जिसकी पूरी जानकारी रुहेलखंड की किताबो मिल जाएगा। उसके बाद नातों मनकब्त का सिलसिला शुरू हुआ वामिक मिया के उसमे सारे नातखाओ के कलाम पेश किए।

उर्स की चारो दिन की सरपरस्ती सज्जादानशीन सैयद मो0 मिया की रही। बदरे तरीकत सैयद असलम मियां वामिकि मुल्क के वा अपने वतन के लिए खास दुआ करी और ठीक 1 बजे कुल शरीफ हुआ और पूरी आवाम के लिए लंगरे आम जारी रहा।

मीडिया प्रभारी शानू अतहर ने बताया की उर्स के शुरू दिन से शालू वामिकी,सैयद हसनैन,सैयद शीराज़,वा सैयद मखदूम अशरफ के पोते सैयद हुसैन वामिकी,निराले वामिकी,आदि लोग उपस्थित रहे।

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