Diwali 2023: हरित पटाखे जलाकर शहर का दम घुटने से बचाएं, ऐसे करें ग्रीन पटाखों की पहचान
कानपुर में हरित पटाखे जलाकर शहर का दम घुटने से बचाएं।
कानपुर में हरित पटाखे जलाकर शहर का दम घुटने से बचाएं। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण का बढ़ता स्तर देखते हुए देश में कुछ खास केमिकल वाले पटाखे जलाने पर बैन लगाया है।
कानपुर, अमृत विचार। दीपावली पर वायु प्रदूषण नहीं बढ़े, इसे लेकर आतिशबाजी को लेकर सभी को सावधानी बरतनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण का बढ़ता स्तर देखते हुए देश में कुछ खास केमिकल वाले पटाखे जलाने पर बैन लगाया है। ऐसे में ग्रीन पटाखे चलाकर त्योहार का मजा दोगुना कर सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक पारंपरिक पटाखों की तुलना में ग्रीन पटाखे 30 से 40 फीसदी कम वायु प्रदूषण फैलाते हैं।
शहर में हवा दीपावली से पहले ही खराब हो चुकी है। ऐसे में परंपरागत पटाखेबाजी प्रदूषण का स्तर और बढ़ा देगी। सांसों का संकट बढ़ जाएगा। धमाकों का शोर तमाम बीमारों पर भारी पड़ेगा। इसके मुकाबले ग्रीन पटाखों में वायु प्रदूषण बढ़ाने वाले हानिकारक रसायन नहीं होते हैं। ये पटाखे धूल को अवशोषित करते हैं। इसमें एल्युमिनियम, बैरियम, पौटेशियम नाइट्रेट व कार्बन जैसे खतरनाक तत्वों का प्रयोग नहीं किया जाता है।
ऐसे करे ग्रीन पटाखों की पहचान
ग्रीन पटाखों की पहचान सीएसआईआर के हरे रंग से की पहचान की जा सकती है। इन पटाखों पर एक क्यूआर कोड भी बना होता है, जिसे स्कैन करके आप इन पटाखों के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर सकते हैं।
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