औद्योगिक निवेश को धरातल पर उतारने में रसातल में कानपुर मंडल, ग्राउंड ब्रेकिंग सेरमनी की तैयारी में मंडल की हिस्सेदारी दो फीसदी से भी कम

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Published By Nitesh Mishra
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औद्योगिक निवेश को धरातल पर उतारने में रसातल में कानपुर मंडल।

औद्योगिक निवेश को धरातल पर उतारने में कानपुर मंडल रसातल में गया। प्रदेश सरकार की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरमनी की तैयारी में कानपुर मंडल की हिस्सेदारी दो फीसदी से भी कम रही।

कानपुर, [मनोज त्रिपाठी]। लोकसभा चुनाव के लिए माहौल बनाने में जुटी योगी सरकार नए साल पर नई उम्मीद जगाने के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में हुए एमओयू की धमाकेदार ग्राउंड ब्रेकिंग सेरमनी की तैयारियों में जुटी है।

इस काम में जहां कई जिलों में उद्यम स्थापित करने के लिए निवेशकों ने गहरी रुचि दिखाई है, वहीं सूबे की औद्योगिक राजधानी कहे जाने वाले कानपुर शहर और मंडल में इकाई लगाने से निवेशक पीछे हटते नजर आ रहे हैं। यही कारण है कि क्रियान्वयन के लिए तैयार निवेश के मामले में कानपुर मंडल की रैकिंग सूबे में पिछड़ कर नौवें स्थान पर चली गई है। यहां निवेशकों ने अब तक 22,992 करोड़ के एमओयू ही धरातल पर उतारने को लेकर सहमति जताई है।
 

ग्राउंड ब्रेकिंग सेरमनी की मंडलवार तैयारियों के लिहाज से मेरठ सर्वाधिक 2,55,097 करोड़, झांसी 91,128 करोड़, मिर्जापुर 85,104 करोड़ और लखनऊ 48,770 करोड़ के निवेश को अंतिम रूप देकर पहले चार स्थानों पर हैं। प्रदेश सरकार ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आए निवेश प्रस्तावों में से 15 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं को जमीन पर उतारने का लक्ष्य रखा है। इस संबंध में निवेशक अब तक विभिन्न उद्यमों में आठ लाख करोड़ रुपये के निवेश को हरी झंडी दिखा चुके हैं।      

उद्योग लगाने के लिए नए आगंतुक उद्यमियों को अनुकूल माहौल नहीं मिल रहा है जिसमें कच्चा माल, सस्ता श्रमिक, सस्ती बिजली का न मिलना मुख्य कारण है। इसके साथ ही औद्योगिक क्षेत्रों में सुविधाओं की कमी।– उमंग अग्रवाल, महामंत्री फीटा

उद्योगों के संचालन में सबसे बड़ी बाधा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड है। जो आए दिन बिना कारण के उद्योगों को नोटिस जारी कर बंद करता रहता है। सही स्थान पर लैंडबैंक की सबसे बड़ी समस्या है। आधारभूत सुविधाएं नहीं हैं।– सोहेल रशीद, चर्म उद्यमी 

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