नैनीताल: बोले पालिकाध्यक्ष वित्तीय आरोपों से हाईकोर्ट ने मुझे बरी कर दिया...
नैनीताल, अमृत विचार। नंदा देवी महोत्सव टेंडर के दौरान वित्तीय आरोपों के चलते हाईकोर्ट की ओर से पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी के अधिकार सीज कर दिए गए थे, जिसको लेकर गुरुवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, जिसके बाद पालिकाध्यक्ष व उनके अधिवक्ता कमलेश तिवारी ने पत्रकार वार्ता की।
कहा कि उनके ऊपर लगाए गए वित्तीय आरोप से हाईकोर्ट ने उनको बरी कर दिया है, जिसको लेकर उन्होंने कोर्ट व अधिवक्ताओं व सरकार का धन्यवाद किया। वहीं जैसे ही पालिका कर्मचारियों को पालिकाध्यक्ष को आरोप मुक्त पाए जाने की खबर मिली तो सभी कमर्चारी उनसे मिलने पहुंच गए।
पालिकाध्यक्ष जिंदाबाद के नारे लगाने लगे वहीं पालिकाध्यक्ष भी सबसे गले मिले और मुश्किल वक्त में भी साथ देने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी ने कहा कि गुरुवार को सरकार ने कोर्ट में अपनी जांच रिपोर्ट पेश की है जिसमें उनके खिलाफ कहीं भी वित्तीय अनियमितता नहीं पाई गई। उनके कार्यकाल समाप्त होने से एक दिन पूर्व उनको इतनी बड़ी राहत मिली है, जिसके लिए वे सरकार व हाईकोर्ट का आभार व्यक्त करते हैं।
कई बार भावुक हुए पालिकाध्यक्ष
पत्रकारों से वार्ता के दौरान पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी कई बार भावुक भी हो गए। उन्होंने कहा कि उन्होंने पूरी ईमानदारी से अपने कार्य का निर्वहन किया और कार्यकाल खत्म होने के अंतिम दिनों में उनको इतने बड़े दाग के साथ जीना पड़ रहा था, जिसके चलते वे घर से बाहर नहीं निकल पा रहे थे। कहा कि उन्होंने हमेशा पालिका हित व नगर हित में कार्य किये हैं जिसने सभासदों सहित कर्मचारियों का उनको हमेशा सहयोग मिला है। कहा कि उनके कार्यकाल में 90 फीसदी जनहित के काम पूरे हुए हैं और आगे भी अगर सीट सामान्य रहती है तो वे उनके द्वारा किये गए कर्मचारी हित, नगर पालिका हित व जनहित में किये गए कार्यों को लेकर जनता के बीच जाएंगे।
कर्मचारी हित में एक सप्ताह बैठे थे भूख हड़ताल पर
पालिकाध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने हमेशा कर्मचारी हित को प्रमुखता दी है, जिसके लिए वे 14 सितंबर से एक सप्ताह तक धरने पर भी बैठे थे। कहा कि बीते लंबे समय से पालिका में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को नियमत करना उनका सपना था, लेकिन उनका यह सपना कुछ कारणों से अधूरा रह गया जिसको वे अगले कार्यकाल में पूरा करेंगे। वहीं बुधवार को हुई बोर्ड बैठक को लेकर उन्होंने कहा कि इस दौरान भी कर्मचारी हित में कोई बात नहीं हुई जिसका उनका काफी दुख है।
