बरेली: हादसों में घायल हो रहे छुट्टा गोवंश, इस साल 900 गायों का पशु चिकित्सालय ने किया इलाज
बरेली, अमृत विचार। प्रदेश में छुट्टा गोवंशों को नियंत्रित करने के लिए कई योजनाएं बनाई गई हैं। बावजूद इसके शहर की सड़कों और ग्रामीण क्षेत्रों में छुट्टा गोवंश घूमते नजर आ जाते हैं। जिनकी वजह से आए दिन छोटे बड़े हादसों की खबरें सामने आती रहती हैं। तो वहीं गोवंश भी हादसों में गंभीर रूप से घायल हो रहे हैं। वहीं बरेली के शहरी क्षेत्र में पशुपालक दूध निकालने के बाद गायों को सड़कों पर छोड़ देते हैं, जो हादसों का सबब बनते हैं और खुद घायल हो जाते हैं। बात करें इस साल की तो, जनवरी से अभी तक पशु चिकित्सालय द्वारा 900 से अधिक घायल और बीमार गोवंशों का इलाज किया गया है। जिनमें से सबसे अधिक संख्या पालतू गायों की है।

हादसों में घायल 8 गोवंशों का रोजाना इलाज
पशु चिकित्सालय के डिप्टी सीबीओ डॉ. ओ.पी. वर्मा ने बताया कि शहर में जनवरी से अब तक 900 से अधिक गायों का इलाज किया जा चुका है। रोजाना हादसे के शिकार, बीमार और अन्य वजह से घायल हुए 7 से 8 गोवंश का इलाज किया जा रहा है। जिसकी जानकारी पशु प्रेमी कॉल करके देते हैं, जिसके बाद घायल पशु को जल्द से जल्द इलाज देने के लिए हमारी टीम जाती है। वहीं गोवंशों को गोशाला भेजने के लिए पशु चिकित्सालय के पास कोई भी साधन नहीं है। ऐसे में नगर निगम का सहयोग लिया जाता है।

गाय के कान में लगे टैग को हटा देते हैं पशुपालक
डॉ. ओ.पी. वर्मा ने बताया कि गायों के सड़क हादसे में घायल होने की सबसे बड़ी वजह मलिक की लहपरवाही है, जो ज्यादा गाय पाल लेते हैं और दूध निकालकर उन्हें सड़क पर छोड़ देते हैं। जिसकी वजह से गोवंश सड़क हादसों में अधिक घायल हो रहे हैं। इसके अलावा कई पशु पालक गाय के कान में लगे टैग को काटकर हटा देते हैं। ऐसे में उस गाय की जानकारी प्राप्त कर पाना काफी मुश्किल हो जाता है। अगर ऐसा न किया जाए तो पशु के मालिक का पता लगाना काफी आसान हो जाता है। उन्होंने बताया कि बेसहारा पशुओं के लिए नगर निगम एक बड़ी नई गोशाला बना रहा है, जिसमें गायों को अच्छे से रखा जाएगा। जहां सभी गायों को समय पर दवा और खाना दिया जाएगा।
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