मुरादाबाद : अभी तो मैं जवान हूं...दिखा रहे दम
अकादमी के मैदान में घोड़े पर सवार आरआई एमपी भगवती प्रसाद।
निर्मल पांडेय, अमृत विचार। कुछ करने की तमन्ना और पक्का इरादा हो, तो सारे ख्वाब अपने होते हैं। जी हां, भगवती प्रसाद कुछ इस तरह का ही हौसला रखते हैं। वह 58 साल के हो गए हैं और घोड़े को सरपट दौड़ाते हैं। मेडल ला रहे हैं। भगवती इन दिनों उप्र डॉ. भीमराव आंबेडकर पुलिस अकादमी के पर्यावरण मैदान पर प्रशिक्षण जोन की टीम का नेतृत्व कर रहे हैं। यहां पुलिस अकादमी में ही बतौर प्रतिसार निरीक्षक एमपी (घुड़सवारी-माउंटेन पुलिस) तैनात हैं। भगवती अब तक के जीवन में कभी भी थका महसूस नहीं किये।
घुड़सवारी प्रतियोगिता में शुक्रवार को शुरुआत में टेंट पेगिंग प्रथम राउंड में ही घोड़े को सरपट दौड़ाया और भाले से जमीनी लक्ष्य को भेद दिया। तालियां बजाकर सभी ने उनकी हौसला अफजाई की। टेंट पेगिंग के बाद जब भगवती घोड़े से उतरे तो युवा पुलिसकर्मियों की ओर देखकर कहा, हम तो बुड्ढे हो गए हैं भाई...। मौके पर खड़े बरेली जोन टीम के कप्तान अशोक कुमार बोल पड़े, अरे...क्या भाई...अभी तो जवानी शुरू हुई है...। तभी अन्य कई घुड़सवारों ने आकर आरआई भगवती प्रसाद का हौसला बढ़ाया। भवगती प्रसाद हाथरस जिले के कोकन खुर्द के हैं।
बताते हैं कि पुलिस अकादमी के अस्तबल में 33 घोड़े हैं। वह उप निरीक्षक से आईपीएस अधिकारियों तक को घुड़सवारी सिखाते हैं। अब हैदराबाद भी फतेह करने की तैयारी: 1987 में कांस्टेबल पद पर भर्ती हुए भगवती 26 दिसंबर से हैदराबाद में शुरू हो रही ऑल इंडिया स्तर की राष्ट्रीय प्रतियोगिता को जीतने की तैयारी में हैं। इससे पहले 2003 में दिल्ली, 2008 में इंफाल व हैदराबाद में हुई प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर चुके हैं। शरीर को फिट रखने की सलाह: भगवती बताते हैं कि वे हर रोज सुबह-शाम घोड़े के साथ परेड करते हैं। 24 घंटे में केवल चार घंटे सोते हैं और खान-पान पर काफी ध्यान रखते हैं।
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