बाराबंकी: साईं भजन में रम गए हिंदी फिल्मों के पार्श्व गायक मनहर उद्धास, भारत रत्न लता मंगेशकर जी के साथ गा चुके हैं गीत
बाराबंकी। हिंदी फिल्मों में साढ़े तीन हजार से अधिक गीत गा चुके पार्श्व गायक मनहर उद्धास अब पूरी तरह साईं भजन में रम चुके हैं। साईं भजन के 38 एल्बम निकाल चुके मनहर उद्धास कहते हैं कि अब एल्बम और कैसेट का युग खत्म हो चुका। अब यूट्यूब जनता तक पहुंचाने का सबसे बड़ा माध्यम है।
मनहर उद्धास रविवार को नगर पालिका परिसर में राजेश अरोड़ा बब्बू द्वारा आयोजित शिरडी वाले श्री साईं महोत्सव में भजन संध्या प्रस्तुत करेंगे। पूर्व संध्या पर डॉ. विवेक वर्मा के आवास पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए मनहर उद्धास ने बताया कि 1986 में पंडित के. राजदान ने उन्हें बुलाया और बताया कि उन्होंने श्री साईं पर कुछ भजन लिखे हैं। वह चाहते हैं कि यह भजन सिर्फ आप ही प्रस्तुत करें।
इसके बाद उन्हें अंदर से प्रेरणा मिली और मैंने वह भजन रिकॉर्ड किया। साईं अर्पण नमक इस एल्बम को अपार सफलता मिली। वे अब तक साईं बाबा के भजन के 38 एल्बम निकाल चुके हैं। गुजराती भाषा में भी उनके 36 गजल के एल्बम रिलीज हुए हैं। धीरज रखो वह रहमत की वर्षा बरसा भी देगा, जिस साईं ने दर्द दिया है वह ही इसकी दवा देगा।
उन्होंने बताया कि उन्होंने पहला गाना जितेंद्र और अपर्णा सेन पर फिल्माए गए गाने हमको तुमसे बिछड़े हुए एक जमाना बीत गया गाकर हिंदी फिल्मों में प्रवेश किया था। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने मोहम्मद रफी, आशा भोसले, लता मंगेशकर, मुकेश सभी के साथ जीत गाए और सारे गाने हिट हुए।
शुरुआती दौर में उनका रुझान गजल की ओर था। बाद में वो भजन की ओर उन्मुख हुए। रीमिक्स गानों के संदर्भ में पूछे जाने पर कहा कि ऐसे गानों में फीलिंग नहीं आती। आज गायकी का दौर बदल गया है। हम लोग दूसरी तरह के गाने पसंद कर रहे हैं। ऐसे गाने न उन्होंने पहले कभी गाए और नहीं गाना चाहते हैं।
उन्होंने बताया कि उन्होंने फिल्म नास्तिक में एक्टिंग भी की थी। लेकिन बाद में अपना पूरा ध्यान संगीत पर ही केंद्रित कर दिया। इस दौरान समाज सेवक उमाशंकर महाराज, राजेश अरोड़ा बब्बू, एखलाक अहमद आदि लोग मौजूद रहे।
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