बस्ती जनपद हुआ सातवें जे.आर.डी. मेमोरियल अवार्ड में चयनित

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Published By Deepak Mishra
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बस्ती। उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद को सातवें जे.आर.डी. मेमोरियल अवार्ड ‘‘उच्च फोकस वाले बडे़ राज्य-मध्यम आर्थिक स्तर‘‘ श्रेणी के अन्तर्गत देश में सर्वोत्तम प्रदर्शन के लिए चयनित किया गया है। यहां यह जानकारी देते हुए शुक्रवार को जिलाधिकारी आंद्रा वामसी ने बताया है कि पुरस्कार के रूप में 2 लाख की वित्तीय सहायता भी सम्मिलित है। इस कार्यक्रम में जनपद का प्रतिनिधित्व मेरे द्वारा किया जायेंगा। 

उन्होंने बताया कि यह पुरस्कार एक प्रतिष्ठित स्वतंत्र थर्ड पार्टी तकनीकी परामर्श समिति की अनुशंसा पर महिलाओं और किशोरियों के स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले 20 सूचकांक यथा-किशोरी स्वास्थ्य, पेयजल, सफाई एवं स्वच्छता, जनन स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, महिला संबंधी अपराध, परिवार नियोजन, प्रजनन स्तर इत्यादि में महत्वपूर्ण प्रगति के आधार पर दिया जायेंगा, जनपद बस्ती में इस क्षेत्र में सार्थक प्रगति हुयी है।

राष्ट्रीय परिवार, स्वास्थ्य सर्वेक्षण, एन.एफ.एच.एस.-4 (2015-16) के सापेक्ष एन.एफ.एच.एस.-5 (2019-21) एवं नमूना पंजीकरण प्रणाली के आधार पर और इन मापदण्डों पर उन्नति का मूल्यांकन किया गया है, जिसमें जनपद का प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा है। उन्होने बताया कि प्रमुख उपलब्धियों में महिलाओं में एनिमिया (15 से 49 वर्ष) की 55.7 प्रतिशत से घटकर 39.9 प्रतिशत हुयी है तथा किशोरी बालिकाओं में उक्त आयुवर्ग में एनिमिया का प्रतिशत 58.9 से घटकर 41.1 हो गया है। 

उन्होंने बताया कि सम्पूर्ण टीकाकरण 57.5 प्रतिशत से बढकर 73.8 प्रतिशत तथा 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में स्टंटिंग 48.9 प्रतिशत से घटकर 35.9 प्रतिशत हो गया है। परिवार नियोजन में अन्तराल पद्धति 18.71 प्रतिशत से बढकर 47.6 प्रतिशत तथा गर्भनिरोधक प्रचलन दर 18.3 प्रतिशत से बढकर 72 प्रतिशत हो गया है। परिवार नियोजन की अपूरित आवश्यकताए 29.9 प्रतिशत से घटकर 11.1 प्रतिशत, जबकि बाल विवाह का प्रतिशत 28.3 से घटकर 15.9 हो गया है।

जनपद में किशोरी प्रसव की दर 1.3 प्रतिशत से घटकर 1.0 प्रतिशत, उच्च जन्म क्रम (3 या अधिक बच्चे) 4.6 प्रतिशत से घटकर 2.6 प्रतिशत हो गया है। प्रसव पूर्व देख-रेख (कम से कम चार दौरे) 19.8 प्रतिशत से बढकर 31.5 प्रतिशत जबकि जन्म के 48 घण्टो के भीतर प्रसवोत्तर देख-रेख 50.6 प्रतिशत से बढकर 83.8 हो गया है। 

डीएम वामसी ने बताया कि मातृ स्वास्थ्य के लिए औसत व्यक्तिगत व्यय रू0 4428 से घटकर 2062 हुआ है जबकि सुरक्षित प्रसव दर 76.6 प्रतिशत से बढकर 92 प्रतिशत तथा संस्थागत प्रसव 60.5 प्रतिशत से बढकर 79.2 प्रतिशत हो गया है। बेहतर घरेलू स्वच्छता सुविधाए 18.7 प्रतिशत से बढकर 64.2 प्रतिशत, महिलाओं में माहवारी स्वच्छता उत्पाद का उपयोग 35.4 प्रतिशत से बढकर 73.3 प्रतिशत हो गया है। 

उन्होंने बताया कि जे.आर.डी. टाटा द्वारा 1970 में पापुलेशन आफ इण्डिया संस्था की स्थापना की गयी थी, जिसको महिला संवेदनशीलता, जनसंख्या, स्वास्थ्य एवं विकास नीतियों के क्षेत्र में 5 दशकों का शोध अनुभव है। यह संस्था सरकारी व निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों से समावेशित प्राख्यात प्रबंधन परिषद एवं परामर्श समिति के मार्गदर्शन में कार्य कर रही है। सातवां जे.आर.डी. मेमोरियल अवार्ड 18 दिसम्बर 2023 को नई दिल्ली में प्रस्तुत किया जायेंगा।

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