आतंक का सिलसिला
राजौरी-पुंछ में फिर से पनप रहा आतंकवाद सुरक्षा बलों के लिए बड़ी चुनौती है। क्षेत्र में आतंकवादी घटनाओं में वृद्धि चिंताजनक है। गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर हमला किया जिसमें पांच सैनिक शहीद हो गए । नवीनतम घटना के साथ, राजौरी, पुंछ और रियासी के सीमावर्ती जिलों में आतंकवादी घटनाओं में मारे गए लोगों की कुल संख्या 59 हो गई है।
पिछले दो महीने में यह दूसरी घटना है। सुरक्षा बलों ने शुक्रवार को इलाके के वन क्षेत्र में व्यापक घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया तथा एनआईए की एक टीम ने वहां का दौरा किया। ऐसा क्यों हो रहा है? आतंकवादियों का हौसला इतना क्यों बढ़ गया है? कहा जा सकता है कि पाकिस्तान इन घटनाओं की साजिश रचकर क्षेत्र में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहा है।
पाकिस्तान आज विश्व का सबसे खतरनाक देश बना हुआ है। तमाम दावों के बावजूद पाकिस्तान आतंकवाद से निपट पाने में सफल नहीं हो रहा है। कई बड़े आतंकी संगठन जैसे कि लश्कर-ए-तैयबा, लश्कर-ए-ओमर, जैश-ए-मोहम्मद, हरकतुल मुजाहिद्दीन, सिपाह-ए-सहाबा, हिज्बुल मुजाहिदीन आदि पाकिस्तान की जमीन से अपनी गतिविधियां चलाते हैं।
माना जाता है आतंकी गतिविधियों के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेस इंटेलिजेंस इन आतंकी संगठनों का साथ देती है। तमाम पाबंदियों के बाद पाकिस्तान सरकार ने आतंकवाद पर प्रभावी नियंत्रण की बात कई अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर कही थी, लेकिन आतंकी घटनाओं पर कोई भी अंकुश नहीं लग पा रहा है और आतंकवाद की दृष्टि से यह खतरनाक देशों में से एक माना जाने लगा है।
दरअसल पाकिस्तान आतंकवाद से निपटने के नाम पर दुनिया की आंखों में धूल झोंकने का काम करता है। लोगों में सुरक्षा की भावना को फिर से बहाल करने के लिए सरकार को तत्काल कदम उठाने की जरूरत है। लोगों को भरोसा दिलाना होगा कि पाकिस्तान को इलाके में फिर से आतंकवाद को जीवित करने नहीं दिया जाएगा। विशेषज्ञों के मुताबिक आतंकवाद से निपटने में कुछ खामियां हैं।
वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा प्रबंधन अचूक होना चाहिए और खुफिया नेटवर्क को मजबूत किया जाना चाहिए। क्षेत्र की खुफिया और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाए और सभी आतंकवादियों को नेस्तनाबूत किया जाए। यह बहुत ही दुर्गम इलाका है।
समय आ गया है कि शीर्ष अधिकारी जंगलों में लड़े जाने वाले युद्ध के बुनियादी प्रशिक्षण पर फिर से विचार करें। आतंकवादियों का खात्मा करने के लिए भीतरी इलाकों के साथ-साथ सीमावर्ती क्षेत्र में भी अभियान शुरू करने की जरूरत है।
