VVIP जिला रायबरेली मुख्यमंत्री के विकास कार्यों में फिसड्डी, पढ़िए ये विशेष खबर
रायबरेली , अमृत विचार। वीवीआईपी जिला होने के बाद भी मुख्यमंत्री के प्राथमिक विकास कार्यों रायबरेली सबसे फिसड्डी है। कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग से जारी विकास कार्यों को लेकर रैंकिंग और ग्रेड में रायबरेली के ज्यादातर विकास कार्यों के विभागों को फिसड्डी और ई ग्रेड प्राप्त हुआ है। इस रैंकिंग से साफ है कि विभागीय अधिकारी मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाले कार्यों और योजनाओं को लेकर कितने लापरवाह है। इन सबके इतर विकास प्राधिकरण से संबंधित कुछ विभागों का प्रदर्शन अव्वल रहा है।शासन स्तर से कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग ने नवंबर माह की एक सूची जारी की जिसमें विकास कार्यों से संबंधित ज्यादातर विभाग निचले पायदान पर हैं। हाल यह है कि समाज कल्याण विभाग को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 1821 जोड़ों के विवाह कराने का लक्ष्य शासन से प्राप्त हुआ था और जनपद में कुल 345 आवेदन किये गए और इस तरह परिणाम शून्य रहा।
वहीं लोकनिर्माण विभाग को नई सड़कें और सेतुओं बनाने का भी लक्ष्य प्राप्त हुआ लेकिन लोकनिर्माण विभाग का बहुत ही खराब प्रदर्शन रहा। लोकनिर्माण विभाग को सेतुओं के निर्माण में डी और सड़कों के निर्माण में ई ग्रेड प्राप्त हुआ। सरकार की सबसे महत्वपूर्ण योजना स्वच्छ भारत मिशन में भी रायबरेली का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) में प्रदर्शन लचर रहा। हाल यह रहा कि मॉडल गांवों का प्रतिशत केवल 2.70 फीसदी रहा। इस तरह प्रदेश में विभाग को 59 रैंक मिली है।
राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना में 1765 आवेदनों में 1158 आवेदन लंबित पड़े हैं। इस तरह इतने आवेदकों को योजना का लाभ नहीं मिल सका है। इस विभाग को 71 रैंकिंग मिली है। कन्या विवाह लाभ योजना का हाल यह रहा कि 952 लोगों ने आवेदन किया और उनमें 588 को निरस्त कर दिया गया। इस तरह 124 आवेदनों को स्वीकृति मिली और इसमें भी 74 लंबित हैं। खास बात यह है कि इतनी कम फाइल होने के बाद शत प्रतिशत आवेदनों का निस्तारण नहीं किया जा सका। मातृत्व शिशु एवं बालिका लाभ योजना प्रदेश सरकार की अहम योजना है लेकिन रायबरेली में इस पर काम ही नहीं किया गया। आवेदनों की संख्या 2051 रही लेकिन सर्वे व पड़ताल में बहाना बताकर 1201 आवेदनों को निरस्त कर दिया गया। बचे हुए 124 में 74 लंबित पड़े हैं। प्रदेश में इस योजना में जिले को 63 वीं रैंक मिली। अयोध्या इसमें नंबर वन रहा। पीएम पोषण विद्यालय निरीक्षण में 70 वीं रैंक मिली है। 1665 स्कूलों का निरीक्षण किया जाना था जिसमें 1093 स्कूलों का निरीक्षण किया गया। देवरिया को इसमें पहला स्थान मिला।
इनको मिला ए प्लस
जहां अधिकतर विभाग प्रदर्शन में बहुत कमजोर रहे तो वहीं कुछ विभागों ने जिले की नाक बचा ली। मत्स्य विभाग, दिव्यांग पेंशन, विधवा पेंशन, वन विभाग को ए प्लस श्रेणी मिली है। इन विभागों के अधिकारियों ने योजनाओं को पटल पर क्रियान्वित किया। इन विभागों का ग्रेड नंबर शत प्रतिशत रहा।
पूर्व डीएम का इसी के चलते हुआ था तबादला
मुख्यमंत्री के विशेष कार्यों वाली योजनाओं के क्रियान्वयन में रायबरेली लगातार पिछड़ रहा है। सीएम डैस बोर्ड की बैठक में इसे लेकर नाराजगी जताई जाती है। पूर्व में डीएम माला श्रीवास्तव का तबादला इसी खस्ताहाल रिपोर्ट के चलते हुआ था। मुख्यमंत्री के प्राथमिक वाले कार्यों और योजनाओं में रायबरेली की ग्रेडिंग गिरती चली गई जिस पर शासन स्तर से कार्रवाई की गई थी।
वर्जन
जिन विभागों का खराब काम है और रैंकिंग बहुत नीचे है उन विभागों के अधिकारियों से स्पष्टीकरण तलब किया गया है। साथ ही एक माह का समय दिया गया है यदि अगली रिपोर्ट में सुधार नहीं होता है तो फिर शासन स्तर से कार्रवाई होगा। रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
पूजा यादव , सीडीओ, रायबरेली
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