बरेली: प्रदेश भर के कांग्रेसी 15 जनवरी को अयोध्या में करेंगे रामलला के दर्शन

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Published By Ashpreet
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बरेली, अमृत विचार। अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में कांग्रेस के शीर्ष नेता शामिल होने से इन्कार कर चुके हैं। इसके राजनीतिक नुकसान से बचने के लिए कांग्रेस की ओर से अब यह संदेश भी देने की तैयारी शुरू हो गई है कि उसने सिर्फ भाजपा के कार्यक्रम से दूरी बनाई है, राम से नहीं।

इसी को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडेय और प्रदेश अध्यक्ष की अगुवाई में प्रदेश भर के चुनिंदा कांग्रेस नेताओं के साथ प्राण प्रतिष्ठा से पहले 15 जनवरी को अयोध्या पहुंचकर सरयू में स्नान कर रामलला के दर्शन करने का कार्यक्रम घोषित किया गया है।
लोकसभा चुनाव से ऐन पहले अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर राजनीतिक लड़ाई शुरू हो चुकी है।

कांग्रेस आरोप लगा चुकी है कि भाजपा चुनावी फायदा उठाने के लिए शंकराचार्यों के विरोध के बावजूद पूरी तरह राजनीतिक तौर पर यह कार्यक्रम आयोजित कर रही है तो दूसरी ओर भाजपा भी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल न होने की घोषणा के बाद राम विरोधी बताकर घेरने की कोशिश में जुट गई है।

भाजपा के आरोपों की काट के लिए इस बीच प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा से पहले और खरमास समाप्त होते ही भगवान राम के सामूहिक पूजन के कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। यह कार्यक्रम में कांग्रेस के उपाध्यक्ष एवं प्रशासन प्रभारी दिनेश कुमार सिंह की ओर से प्रदेश के सभी जिलों को जारी किया गया है और जिलों में कांग्रेस नेताओं ने इसकी तैयारियां भी शुरू कर दी हैं।

प्रदेश प्रवक्ता डॉ. केबी त्रिपाठी के अनुसार 15 जनवरी को प्रदेश भर के कांग्रेस नेता अयोध्या पहुंचेंगे जहां राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडेय और प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के नेतृत्व में पहले सरयू नदी में स्नान करेंगे और उसके बाद रामलला के मंदिर में पहुंचकर दर्शन और पूजन करेंगे। इसके बाद हनुमान गढ़ी पहुंचकर हनुमान जी के भी दर्शन करेंगे।

प्राण प्रतिष्ठा का अधिकार साधु-संतों को है, प्रधानमंत्री को नहीं
कांग्रेस की ओर से इस कार्यक्रम की घोषणा के साथ यह भी कहा गया है कि भगवान राम में सभी की आस्था है लेकिन 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम भाजपा आयोजित है जो लोगों को निमंत्रण देने के नाम पर राजनीति कर रही है।

मंदिर में पूजन कर मूर्ति की स्थापना का अधिकार साधु-संतों को है, राजनीतिक पद पर बैठे प्रधानमंत्री को नहीं। कांग्रेस ने कहा है कि भाजपा राजनीतिक सत्ता, आर्थिक सत्ता के बाद धार्मिक सत्ता पर कब्जा करना चाहती है ताकि धर्म को अपने हिसाब से चलाकर साधु-संतों पर भी शासन कर सके। यह पूरी तरह अन्यायपूर्ण है।

अखबारों में पढ़ा था कि सोनिया जी और खरगे जी अयोध्या नहीं जाएंगे तो अब कांग्रेस के लोग कैसे जाएंगे। वैसे राम सबके हैं, सब जाएं। लोग अनावश्यक विरोध करते हैं। प्रभु श्रीराम अयोध्या में विराजमान होने जा रहे हैं। इसमें सभी वर्ग और सभी दलों को शामिल होना चाहिए। - दुर्विजय सिंह शाक्य, भाजपा के बृज क्षेत्र अध्यक्ष

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