UP: पश्चिमी गंगाघाट में आतंक का पर्याय शमशेर उर्फ काले खान, नाम से कांपते लोग, सरेशाम हत्या करना हिस्ट्रीशीटर का शौक

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Published By Nitesh Mishra
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उन्नाव के पश्चिमी गंगाघाट में शमशेर उर्फ काले खान आतंक का पर्याय है।

उन्नाव के पश्चिमी गंगाघाट में शमशेर उर्फ काले खान आतंक का पर्याय है। सरेशाम हत्या के साथ ही दरोगा से भी मारपीट कर चुका है।

उन्नाव, अमृत विचार। भाकियू नेता विनोद कश्यप को मौत के घाट उतारने वाला गोताखोर निवासी शमशेर उर्फ काले खान का पश्चिमी क्षेत्र में इस कदर आतंक हैं कि तमाम बड़े घटनाओं को अंजाम देने के बाद भी कोई उसके खिलाफ बोलने को तैयार नहीं होता है। वहीं सूत्रों की माने तो पश्चिमी चौकी पुलिस का उसके ऊपर हाथ रहता है।

जिससे उसके हौसले बुलंद हैं। क्षेत्र में आने जाने वाली युवतियों से छेड़खानी करने के साथ ही रात के समय राहजनी करना व लोगों से नकदी छीनना और मोबाइल लूट करना उसके लिये आम बात है। जिसकी शिकायत पुलिस से की जाती थी लेकिन पुलिस भी उस पर कोई कार्यवाही नहीं करती थी जिस कारण काले खान का आतंक पश्चिमी गंगाघाट में लगातार बढ़ता ही जा रहा है।

दो दरोगों से कर चुका है मारपीट

तत्कालीन पश्चिमी चौकी इंचार्ज को काले खान ने ललकारते हुये उठा कर पटक दिया था। जिससे दरोगा का हाथ टूट गया था। वहीं एक अन्य दरोगा पर भी फायरिंग की थी।

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पहले भी सरेशाम कर चुका है हत्या

क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि मिश्रा कॉलोनी गांधी चौक से कुछ दूरी पर काले खान ने पहले भी सरेशाम एक युवक की गला दबाकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने उसमें भी खेल करते हुये उसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की।

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शमशेर उर्फ काले खान का आपराधिक इतिहास

गोताखोर चंपापुरवा निवासरी शमशेर उर्फ काले खान को वर्ष 2011 में यूपी गैंगस्टर के तहत निरूद्ध किया गया था। जिसके बाद उसका आतंक और बढ़ गया। कई लोगों के साथ सरेराह मारपीट के मामले में पुलिस ने गुंडा एक्ट की कार्यवाही की। वर्ष 2014 में घर में घुसकर जाने से मारने की नियत के केस के अलावा, बलवा आदि का केस दर्ज हुआ। फिर मारपीट व मादक पदार्थों की बिक्री में जेल भेजा गया।

वर्ष 2013 में फिर गुंडा एक्ट की कार्यवाही की गयी। इसी वर्ष मादक पदार्थ की बिक्री में कार्यवाही की गयी।  2016 और 2017 में एनडीपीएस की कार्यवाही हुयी। वर्ष 2018 में कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। एक दलित उत्पीड़न का भी केस दर्ज है। वहीं 2019 में मारपीट का केस दर्ज हुआ है। वर्ष 2020 में गुंडा एक्ट की कार्यवाही हुयी।  वर्ष 2022 में भी मादक पदार्थों की तस्करी में जेल भेजा गया था।

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