संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से बन रहे फर्जी अंकपत्र, एसटीएफ की जांच में हुआ खुलासा, एक आरोपी गिरफ्तार
अमृत विचार, लखनऊ। बनारस स्थित देश के जाने-माने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से फर्जी अंक पत्र और प्रमाण पत्र बनाने का खेल चल रहा है। यूपी एसटीएफ ने सोमवार को एक फर्जी शिक्षक को गिरफ्तार किया तो इसका खुलासा हुआ। कथित अध्यापक इसी यूनिवर्सिटी के जाली अंक पत्र पर फर्जी तरीके से नौकरी करके 21 साल से सरकारी वेतन ले रहा था।
एसटीएफ के डिप्टी एसपी धर्मेश कुमार शाही के मुताबिक काफी समय से बेसिक शिक्षा विभाग मे फर्जी अध्यापकों की जांच चल रही है। इसी क्रम में जानकारी मिली कि देवरिया के एक विद्यालय में फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी हासिल करके एक टीचर नौकरी कर रहा है। इसपर देवरिया के वीरपुर मिश्र स्थित स्कूल पहुंचकर टीम ने छानबीन शुरू की।
पड़ताल के दौरान रारवड़ी गांव निवासी धर्मेंद्र कुमार को पकड़ा गया। उसने बताया कि वो 2003 से इस कंपोजिट विद्यालय में नौकरी कर रहा है। बताया कि उसने संपूर्णानंद शास्त्री का फर्जी अंक पत्र बनवाया था। इससे पहले उत्तर मध्यमा का फर्जी अंक पत्र बनवा लिया था।
इसी अंक पत्र के सहारे 2003 में सरकारी टीचर की नौकरी हासिल कर लिया। तभी वो बतौर टीचर सरकारी वेतनभोगी है। डीएसपी का कहना है कि एफआईआर दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया गया है। जाली प्रमाण पत्र बनाने वालों की तलाश की जा रही है।
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