Kanpur: गंभीर मरीजों के पास खुद चलकर जाएगा पोर्टेबल आईसीयू: संजीवनी बूटी की तरह करेगा काम...
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में 10 करोड़ रुपये से चार पोर्टेबल आईसीयू आएंगे
कानपुर, अमृत विचार। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में 10 करोड़ रुपये से चार पोर्टेबल आईसीयू आएंगे। इस आईसीयू की खासबात यह होगी कि इसमें मरीज को खुद चलकर आईसीयू में नहीं जाना होगा। बल्कि यह पोर्टेबल आईसीयू उस मरीज तक जाएंगे, जिनको इस आईसीयू की जरूरत होगी। इस आईसीयू में मरीज को किसी भी प्रकार का संक्रमण होने का खतरा नहीं होगा, जिससे वह जल्द स्वस्थ भी हो सकेंगे।
हैलट अस्पताल में अब गंभीर मरीजों का इलाज किसी भी परिस्थिति में और किसी भी जगह करना आसान होगा। क्योंकि जो गंभीर मरीज आईसीयू तक नहीं पहुंच पाएंगे। उन मरीजों तक आईसीयू खुद अब चलकर जाएगा। हैलट में जापान की तकनीक पर आधारित 10 करोड़ रुपये से रेडी टू मूव आईसीयू चैंबर आएगा, जो पोर्टेबल होगा। इसकी मदद से डॉक्टर इमरजेंसी, वार्ड या किसी भी खुले स्थान में आईसीयू तैयार कर मरीज का इलाज कर सकेंगे।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला ने बताया कि रेडी टू मूव आईसीयू चैंबर में हैपा फिल्टर लगा होता है, जो वायु प्रदूषण को रोकता है, जिस वजह से मरीज को पोर्टेबल आईसीयू में संक्रमण होने के चांस काफी कम होते हैं। इसके अलावा इसमें बिजली,ऑक्सीजन समेत अन्य सिस्टम का कनेक्शन सिस्टम होता है। इसके साथ ही पोर्टेबल आईसीयू के दरवाजे ऑटोमैटिक खुलते व बंद होते है। इसमें मॉनीटर से लेकर वेंटीलेटर समेत सभी सुविधाएं भी होती है। प्रदेश में पहला पोर्टेबल आईसीयू जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में होगा।
संजीवनी बूटी की तरह करेगा काम
प्राचार्य के मुताबिक इसका यूज अभी आईसीयू के अंदर एक सेफ आईसीयू के रूप में किया जाएगा। इमरजेंसी के दौरान किसी वीआईपी मरीज के लिए वार्ड या फिर ओपन एरिया में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। वीआईपी मूवमेंट में यह इमरजेंसी के दौरान संजीवनी बूटी की तरह काम करेगी।
देश की एक बड़ी कंपनी ने सीएसआर फंड से गंभीर मरीजों की सुविधा के लिए जापानी तकनीकी से लैस पोर्टेबल आईसीयू देने का बात की है, जिसके तहत चार पोर्टेबल आईसीयू की डिमांड की है। संभावना है कि मार्च माह में पोर्टेबल आईसीयू हैलट को उपलब्ध हो जाएंगे। इसके बाद टेक्निकल स्टॉफ को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
