Kanpur Dehat: खुद को बेकसूर साबित करने में लग गए 43 साल; इंसाफ की लड़ाई में बिक गई पांच बीघा जमीन...

16 साल की उम्र में विश्वनाथ गए थे जेल, अब आ गया बुढ़ापा

Kanpur Dehat: खुद को बेकसूर साबित करने में लग गए 43 साल; इंसाफ की लड़ाई में बिक गई पांच बीघा जमीन...

कानपुर देहात, अमृत विचार। बेहमई कांड में आरोपी बने सिकंदरा थाना क्षेत्र के महेशपुर गांव के रहने वाले विश्वनाथ उर्फ पुतानी उर्फ कृष्ण स्वरूप को आखिर न्याय के मंदिर से इंसाफ मिल गया। बुधवार को अदालत ने अपने फैसले में विश्वनाथ उर्फ पुतानी को दोष मुक्त कर दिया, लेकिन उन्हें अपने को बेकसूर साबित करने में पूरे 43 साल लग गए। कानूनी लड़ाई जीतने के बाद विश्वनाथ पूरी दास्तां सुनाते-सुनाते भावुक हो गए और अपने आंसू नहीं रोक पाए। 

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अदालत से इंसाफ पाने के बाद गुरुवार को अपने घर के बाहर गांव वालों के बीच बैठे विश्वनाथ ने बताया कि जब उन्हें गिरफ्तार किया गया, तब 16 साल की उम्र थी। कुंवरपुर इंटर कालेज में हाईस्कूल की पढ़ाई कर रहे थे। बेहमई कांड के बाद उन्हें पुलिस ने स्कूल की कक्षा से पूछताछ के लिए गांव बुलवाया था और लोगों से पहचान कराने के बाद थाने ले गई थी। इसके बाद बेहमई गांव से करीब 15 लोगों को बुलाकर उन्हें पकड़े जाने की सूचना दी थी। तीन दिन तक कड़ाई से पूछताछ के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। करीब तीन महीने जेल में गुजारने पड़े। 

जेल से छूटने के बाद तारीख पर तारीख का सिलसिला चलता रहा और खुद को बेकसूर साबित करने के लिए करीब पांच बीघा जमीन बिक गई। परिजनों का भरण पोषण के लिए भारी संकट का सामना करना पड़ा। बीते दिनों को याद करते हुए विश्वनाथ भावुक हो गए और उन्होंने बिलखते हुए बताया कि कोर्ट का फैसला आने से 14 दिन पहले पत्नी सीला देवी की मौत हो गई। बीती 12 फरवरी को पत्नी की तेहरवी थी और 14 फरवरी को कोर्ट ने फैसला सुनाया। जिसमें उन्हें दोषमुक्त कर दिया गया।

बेहमई कांड 3

पड़ोसी विश्वनाथ था गिरोह का सदस्य

निर्दोष विश्वनाथ बताते हैं कि बेहमई कांड में उनके पड़ोस का रहने वाला विश्वनाथ शामिल था। पुलिस उसकी खोजबीन कर रही थी। उसके नहीं मिलने पर पुलिस ने विश्वनाथ नाम होने के कारण उन्हें ही पकड़ लिया था। हालांकि बाद में तत्कालीन थाना प्रभारी एके सिंह ने दूसरे आरोपी विश्वनाथ को भी पकड़ा और जेल भेज दिया था, लेकिन जमानत मिलने के बाद वह फरार हो गया, जिसे आज तक पुलिस ढूंढ नहीं पाई है। विश्वनाथ कहते हैं कि पुलिस ने एक ही गांव और एक ही नाम होने के कारण उन्हें आरोपी बना दिया था, जबकि नरसंहार के दौरान वह नाबालिग थे।

दोषमुक्त हुए विश्वनाथ के घर में लगा तांता

बेहमई कांड में दोषमुक्त किए गए महेशपुर गांव निवासी विश्वनाथ के घर में दूसरे दिन गुरुवार को भी लोगों की काफी आमद रही। गांव के अधिकांश लोग विश्वनाथ के घर के बाहर दिखाई दिए। उन्होंने लंबी कानूनी प्रक्रिया के दौरान हौसला न डिगने पर विश्वनाथ की तारीफ की। 

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