मुरादाबाद : उपभोक्ता तो बढ़े, पर कम हो गए अधिकारी-कर्मचारी

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Published By Bhawna
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बिजली विभाग : मानव संसाधन की कमी बेहतर आपूर्ति व्यवस्था में बन रही बाधक, गर्मी में निकलेगा प्रबंधन का पसीना

धर्मेंद्र सिंह, अमृत विचार। समय के साथ बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने में संसाधनों खासकर मानव संसाधन का रोड़ा है। आबादी के अनुपात में उपभोक्ताओं की संख्या तो निरंतर बढ़ रही है, लेकिन अधिकारियों-कर्मचारियों की संख्या कम होने से प्रबंधन के सामने मुश्किल खड़ी है। गर्मी में सुचारू विद्युत आपूर्ति का दावा करने वाले उच्चाधिकारियों का पसीना निकलना तय है। 

ठंड में लचर बिजली व्यवस्था की मार उपभोक्ताओं पर पड़ी। अब आगे चुनौती गर्मी से निपटने की है। गर्मी में जब बिजली की खपत बढ़ेगी तो संसाधनों के अनुरक्षण और फाल्ट पर अंकुश लगाने और उसे दूर करने में मानव संसाधन अहम होगा। कर्मयारियों की कमी से  गर्मी में 24 घंटे बेहतर और सुचारु विद्युत आपूर्ति के दावे पर खरा उतरने के लिए एड़ी चोटी एक करना होगा।

मंडल में वर्तमान में 13,42,125 बिजली उपभोक्ता हैं और उनके सापेक्ष अधिशासी अभियंता से लेकर श्रमिक हेल्पर तक की संख्या एक हजार के आंकड़े को भी नहीं छू पा रही है। मंडल के जिलों में मात्र 899 अधिकारी-कर्मचारी बिजली विभाग में तैनात हैं। मंडल भर में मात्र अधिशासी अभियंता 20,उपखंड अधिकारी 67,अवर अभियंता 133,टी.जी टू (विद्युत)358,टी.जी टू (लाइन)79, श्रमिक हैल्पर 242 मिलाकर सिर्फ 899 कर्मचारी और जहां लाखों की संख्या में उपभोक्ता 1342125 और ट्रांसफार्मर 119779 हैं। 

समय से परियोजनाओं का काम भी अटका  
बिजली विभाग की ओर से स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत आरडीएसएस परियोजना का कार्य मानव संसाधन की कमी से अधर में लटका है। कार्यदायी संस्था को भी मानव संसाधन बढ़ाने की चेतावनी स्मार्ट सिटी के तत्कालीन सीईओ व प्रशासनिक अधिकारी भी बैठकों में दे चुके हैं। मगर कच्छप गति से चले कार्य से अभी भी कार्य पूरा नहीं हो पाया। काम के चलते महानगर के किसी न किसी हिस्से में हर दिन 6- 7 घंटे शटडाउन लेकर घोषित बिजली कटौती की जा रही है। 

महानगर में आरडीएसएस परियोजना के अन्तर्गत बेहतर विद्युत आपूर्ति देने का प्रयास है। काम में अड़चन से देरी हुई है। लेकिन अब कार्य को गति दी जाएगी। मानव संसाधन की कमी से भी दिक्कत होती है। उच्च क्षमता के नये ट्रांसफार्मर भी लगाए गए हैं। अधिकारियों-कर्मचारियों की कमी जरूर खल रही है। -आरके बंसल, मुख्य अभियंता विद्युत

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