Kanpur: मानसिक दिव्यांग खिलाड़ियों ने बिखेरा जलवा; फातिमातुल दो कैटेगरी में रहीं अव्वल, यूपी की रिमी ने भी दिखाया दम...
कानपुर, अमृत विचार। स्पेशल ओलंपिक्स भारत की ओर से आयोजित मानसिक दिव्यांग पावर लिफ्टिंग नेशनल चैंपियनशिप में मंगलवार को कर्नाटक की फातिमातुल अफरीना का जलवा कायम रहा। फातिमातुल ने दो कैटेगरी में प्रथम स्थान हासिल किया। वहीं एक कैटेगरी में यूपी की रिमी अव्वल रहीं।
सीएसजेएम विवि के बहुउद्देशीय हॉल में आयोजित पावर लिफ्टिंग नेशनल चैंपियनशिप (महिला व पुरुष) में मंगलवार को स्क्वाट, बेंच प्रेस, डेड लिफ्ट प्रतियोगिता हुई। पहली प्रतियोगिता महिला वर्ग में 16 से 21 आयु वर्ग में 52 किलो वेट कैटेगरी की हुई। जिसमें स्क्वाट स्पर्धा में कर्नाटक की फातिमातुल अफरीना ने 37.5 किलो के साथ प्रथम, महाराष्ट्र की झांसी निषाद ने 30 किलो के साथ द्वितीय और उत्तर प्रदेश की रिमी ने 27.5 किलो के साथ तृतीया स्थान प्राप्त किया।
इसी के साथ बेंच प्रेस में यूपी की रिमी प्रथम, कर्नाटक की फातिमातुल अफरीना द्वितीय व महाराष्ट्र की जानसी निषाद तीसरे स्थान पर रहीं। इसी क्रम में डेड लिफ्ट प्रतियोगिता में कर्नाटक की फातिमातुल आफरीना प्रथम, यूपी की रिमी द्वितीय और महाराष्ट्र की जानसी निषाद ने तीसरा स्थान हासिल किया। वहीं पुरुष वर्ग की प्रतियोगिता जारी है। स्पेशल ओलंपिक्स भारत के पावर लिफ्टिंग नेशनल डायरेक्टर राजशेखर के मार्गदर्शन में खिलाड़ियों ने जमकर जोर आजमाइश की।
आटिज्म स्पेक्ट्रम डिसआर्डर से प्रभावित है कुश
चैंपियनशिप में यूपी के लिए पदक के दावेदार कानपुर निवासी 17 वर्षीय कुश चतुर्वेदी ऑटिस्म स्पेक्ट्रम डिसआर्ड से प्रभावित है। यह डिसआर्डर ऐसी मानसिक अवस्था है, जो दूसरों से बातचीत करने, सीखने और व्यवहार के तरीकों को प्रभावित करता है। इस अवस्था में संवेदनाओं के प्रति बहुत अधिक या बहुत कम प्रतिक्रियाएं होती हैं। जिससे व्यवाहर असामान्य लगता है।
इस अवस्था में ध्यान केंद्रित करना कठिन होता है। इसके बावजूद कुश कई खेलों जैसे बैडमिंटन, हॉकी, रनिंग आदि खेलते हुए पावरलिफ्टिंग को प्रमुखता दी। चार सालों से वह पावरलिफ्टिंग में अपना कदम बढ़ा रहे हैं। अपनी प्रतिभा के बलबूते बर्लिन समर ओलंपिक कैंप में ट्रेनिंग के लिए चुने गए थे।