लखनऊ: बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती होने के लिए मरीज करते हैं घंटों इंतजार, स्ट्रेचर पर तड़पना बनी नियति!

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Published By Sachin Sharma
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लखनऊ, अमृत विचार। बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को भी इंतजार करना पड़ रहा है। जबकि, बीते साल उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने निरीक्षण के दौरान कहा था कि इमरजेंसी में आने वाले मरीजों की महज दस मिनट के भीतर फाइल बनाकर वार्ड में शिफ्ट करके इलाज मुहैया कराया जाए। इसके बावजूद व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ। मरीज की फाइल बनने में आधा घंटे से अधिक का समय लग रहा है। एक मरीज के तीमारदार ने वीडियो बनाकर वायरल किया है।

बलरामपुर अस्पताल 756 बेड की क्षमता वाला अस्पताल है। इमरजेंसी की सुविधा 24 घंटे संचालित होती है। इमरजेंसी में हर दिन करीब 100-120 मरीज भर्ती होते हैं। इमरजेंसी-ओपीडी महज इमरजेंसी मेडिकल अफसर के भरोसे रहती है। बाकी कॉलेजों से आने वाले इंटर्न डॉक्टर के निर्देश पर फाइल बनाने के साथ जरूरी दवाएं देते हैं। डॉक्टर व स्टॉफ कम होने से मरीजों को भर्ती होने में करीब आधे से एक घंटा लग जाता है। 

बाराबंकी टिकैतगंज के रहने वाले बुजुर्ग मरीज सोहन लाल को पेट में असहनीय दर्द होने पर परिजन एम्बुलेंस से शनिवार को इमरजेंसी लाए थे। परिजनों का आरोप है कि मरीज करीब आधे घंटे से अधिक समय तक स्ट्रेचर पर ही पड़ा तड़पता रहा कोई डॉक्टर देखने वाला नहीं था। परिजनों को फाइल बनवाने में व्यस्त कर दिया गया। 

अस्पताल के निदेशक डॉ. पवन कुमार अरुण का कहना है कि इमरजेंसी में मरीजों को तत्काल इलाज मुहैया कराने के निर्देश हैं। यदि कुछ दिक्कत आ रही है तो सुधार कराया जाएगा।

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