सुलतानपुर: काशी से अयोध्या तक दंडवत जा रहे हैं टीकमगढ़ के दो भाई, केवल रात में करते हैं विश्राम

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Published By Jagat Mishra
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सुलतानपुर, अमृत विचार। दो किशोर भाई बाबा भोलेनाथ की नगरी काशी से अयोध्या रामनगरी दंडवत होकर जा रहे है। अयोध्या पहुंचने की ललक और भगवान राम से अगाध प्रेम उनकी हर मुश्किल और हर दूरी को मिटा दे रहा है। 

किशोर अवस्था में ही ऐसी राम लगन लगी की दो भाई संत भेष मे दंडवट लेटकर राम दर्शन को चल दिए। राम काज कीन्हे बिनु मोहि कहां विश्राम यह चौपाई मध्य प्रदेश के टीकमगढ निवासी युवा पुरोहित हरीश वैष्णव पर सटीक बैठ रही है। करीब 8 साल की उम्र में ही वह गोसेवा का संदेश देते हुए ग्यारह महीने तक पैदल नेपाल फिर भारत के सनातन मंदिरों की यात्रा कर अयोध्या जा रहे हैं। हरीश वैष्णव मध्य प्रदेश के टीकमगढ जिले के विरऊगांव निवासी हैं। हिन्दू समुदाय के ब्राह्मण परिवार के युवक की हृदय से इच्छा थी कि राममंदिर का दर्शन वह दंडवत पैदल चलकर करेंगे। जब राम मंदिर बनने लगा तो वह इसकी तैयारी मे लग गये। जिसके बाद 16 अप्रैल को वह पैदल नेपाल पशुपति नाथ से यात्रा आरंभ की। हर दिन करीब दो से तीन किलोमीटर की यात्रा वह करते हैं। अकेले यात्रा शुरू कर उन्होंने आठ महीने में वह काशी विश्वनाथ पहुंचकर दर्शन किए। फिर अपने छोटे भाई हृदेश वैष्णव को बुलाया और अब दंडवत राम नगरी जा रहे है। इसके बाद वह गुजरात के जूनागढ़ से सोमनाथ तक दंडवट पद यात्रा करेंगे।

पूरी होगी राम दरस की आस
16 अप्रैल को करीब ग्यारह महीने पहले हरीश ने विरऊगांव से गोसेवा करने का संदेश और रामलला के दर्शन की आस लेकर नेपाल पहुंचे। यहां पशुपति नाथ से यात्रा शुरू की।  वाराणसी जौनपुर होकर दंडवत यात्रा में वह जिले के भदैंया के कामतागंज बाजार होकर दोमुहां पहुंचे। 16 वर्षीय हरीश वैष्णव ने बताया कि हर दिन 3-4 किमी की यात्रा पैदल लेटकर वह करते है। भगवान राम की कृपा से हर दिन कोई न कोई भोजन पानी का सहयोग कर मदद करता है । 

रास्ते में मिले छत्तीसगढ के दो मित्र भी आए साथ
लेटकर पैदल अयोध्या जा रहे हरीश वैष्णव को भदैंया के पास छत्तीसगढ के दो युवक पैदल अयोध्या जाते मिल गये। छत्तीसगढ के मनेन्द्रगढ शहर से  राम नरायन केवट और कौशल सिह दो मित्र छत्तीसगढ से 28 फरवरी को 16 दिन पहले पैदल अयोध्या के लिए चले हैं। दोनों बाबा विश्वनाथ का दर्शन कर अयोध्या को निकले और रास्ते मे हरीश से मिले तो उनका सहयोग किए। शाम को दोनों युवक फिर आगे निकल गये तथा 20 तारीख तक अयोध्या पहुंचकर भगवान रामलला के मंदिर दर्शन करेंगे।

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