Mahoba: स्कूटी से लोक अदालत जाते समय दुपट्टी स्कूटी में फंसकर गिरी महिला, पीछे से आ रहे ट्रक ने कुचला...मौत
महोबा में ट्रक के कुचलने से महिला की मौत
महोबा, अमृत विचार। कानुपर सागर राष्ट्रीय राजमार्ग पर एआरटीओ मार्ग के सामने स्थाई लोक अदालत की सदस्य का दुपट्टा स्कूटी में फंस जाने के कारण वह सड़क पर जा गिरी, जिससे सदस्या के गिरते ही पीछे से आ रहे ट्रक ने उसे कुचल दिया। सदस्या की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
स्कूटी चला रहे जज के पूर्व प्रशासनिक अधिकारी का संतुलन बिगड़ गया और वह भी स्कूटी सहित गिरकर बुरी तरह घायल हो गए। सिर पर गंभीर चोटे होने के कारण उन्हें पुलिस की मदद से जिला अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन हालत नाजुक होने के कारण डाक्टरों ने उसे मेडिकल कालेज झांसी के लिए रेफर कर दिया।
मूलरूप से झांसी निवासी हैदर अहमद आब्दी (63) जजी से प्रशासनिक अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें स्थाई लोक अदालत का सदस्य बना दिया गया था, जिससे वह शहर के समदनगर श्याम पैलेस के पीछे किराये के मकान में रहने लगे थे। लोक अदालत में ही एसपी आवास के समीप रहने वाली अनीता खरे (40) भी सदस्य थी।
प्रतिदिन की तरह दोनो सदस्य शनिवार को भी स्कूटी से लोक अदालत जा रहे थे। एआरटीओ ऑफिस के पास पहुंचते ही सुबह करीब साढ़े दस बजे अनीता खरे का दुपट्टा स्कूली में फंस जाने से वह सड़क पर गिर गई, उसी समय अचानक ट्रक गुजरने के कारण वह ट्रक के नीचे आ गई, जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
महिला के स्कूटी से गिरने के बाद स्कूटी चालक आब्दी का भी संतुलन बिगड़ने से वह भी चंद कदम आगे स्कूटी सहित गिर गए, जिससे उनके सिर पर गम्भीर चोटें आने के कारण वह बेहोश हो गए। दुर्घटना होने के बाद आसपास के लोग वहां पहुंचे और पुलिस को सूचना दी।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने आनन फानन में नागरिकों की मदद से घायल को जिला अस्पताल पहुंचाया। मामला लोक अदालत के सदस्यों से जुड़ा होने के कारण जजी के तमाम जज और अधिवक्ता भी अस्पताल पहुंच गए, जिससे जिला अस्पताल में भारी भीड़ जमा हो गई।
जजों के अस्पताल पहुंचने के कारण डाक्टरों की टीम घायल के उपचार में जुट गई। बाद में सदस्य को मेडिकल कालेज झांसी के लिए रेफर कर दिया गया। पुलिस ने महिला सदस्य के शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
सदस्या की मौत पर अधिवक्ताओं ने नहीं किया काम
जिला जजी के पूर्व प्रशासनिक अधिकारी एवं लोक अदालत के सदस्य के गंभीर रुप से घायल होने और महिला सदस्य की मौत पर शनिवार को अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे, जिसके चलते न्यायालय में कोई कामकाज नहीं हो सका। मुदकमे की पैरवी के लिए आए वादकारियों को अगली तारीख देकर वापस लौटा दिया गया।
अधिवक्ताओं ने किसी भी मुकदमे की पैरवी नहीं की और न कोई कामकाज किया। अधिवक्ता समिति ने बैठक कर स्थाई लोक अदालत की सदस्या की मौत पर दो मिनट का मौन धारण किया और मृतक की आत्मा की शांति के प्रार्थना की। वहीं घायल सदस्य के लिए भी प्रार्थना की गई।
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