Unnao: हत्या के दोषी पिता-पुत्र समेत चार को मिला आजीवन कारावास; एक आरोपी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी
चाकू से वारकर हत्या करने बाद कोर्ट में किया था आत्मसमर्पण
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उन्नाव, अमृत विचार। मौरावां थानाक्षेत्र में जमीनी विवाद में चाकू घोंपकर हुई दलित अधेड़ की हत्या के मामले में अंतिम सुनवाई सोमवार को एससीएसटी की विशेष कोर्ट में पूरी हुई। एडीजे ने हत्या के आरोपी पिता-पुत्र समेत चार को दोषी ठहराते हुए उन्हें आजीवन कारावास के साथ सभी पर 21-21 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
बता दें कि मौरावां थानाक्षेत्र के दरहेटा गांव निवासी बिंदा कुरील की चाकू व छुरी घोंपकर निर्मम हत्या कर दी गई थी। बेटे सुनील का आरोप था कि 8 जुलाई-2000 को सुबह करीब 6:30 बजे वह अपने पिता बिंदा कुरील के साथ घर ट्रैक्टर से खेत जोतने निकला था। रास्ते में वह गांव निवासी वेद प्रकाश की चक्की में रुक गया था। जबकि पिता खेत में शौच के लिए चले गए।
आईओ तत्कालीन एसओ मौरावां जीएन खन्ना ने श्रीराम, राजबहादुर व रामबाबू के विरुद्ध चार अक्टूबर-2001 को चार्जशीट दाखिल की थी। दलित हत्याकांड उस समय सुर्खियों में रहा था। तत्कालीन प्रदेश सरकार ने हत्याकांड की जांच सीबीसीआईडी से कराई थी। सीबीसीआईडी ने जांच में पुलिस की कहानी पर सवाल भी उठाए थे। पुलिस ने हत्याकांड से जीत बहादुर व उसके बेटे रामनरेश का नाम हटा दिया था।
बाद में उनके नाम भी शामिल कर चार्जशीट पेश हुई थी। लंबे समय से मुकदमा एससीएसटी की विशेष कोर्ट में विचाराधीन था। सोमवार को मुकदमे की अंतिम सुनवाई पूरी हुई। शासकीय अधिवक्ता मनोज पांडेय की ओर से पेश की गई दलीलों व प्रस्तुत गवाहों के बयान के आधार पर एडीजे मो. असलम ने श्रीराम, राजबहादुर, जीत बहादुर व राम नरेश को हत्या का दोषी ठहराया। कोर्ट ने चारों दोषियों को उम्रकैद के आदेश दिये। वहीं एक आरोपी राम बाबू के विरुद्ध कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है।