Bareilly News: ...तो जून तक बंदरों के हमलों से खुद बचकर रहें, नगर निगम के अफसरों ने आचार संहिता के बहाने काटी कन्नी

Bareilly News: ...तो जून तक बंदरों के हमलों से खुद बचकर रहें, नगर निगम के अफसरों ने आचार संहिता के बहाने काटी कन्नी

बरेली, अमृत विचार। शहर के हर इलाके में बंदरों की भरमार है। समस्या कितनी विकट हो चुकी है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले एक साल में बंदरों के हमलों में घायल होने वालों की संख्या एक हजार के पार निकल गई है। 

अब गर्मी शुरू होने के साथ बंदरों के और हमलावर होने की आशंका है लेकिन नगर निगम के अफसरों ने अब चुनाव आचार संहिता के बहाने कन्नी काट ली है। इससे साफ हो गया है कि शहर के लोगों को जून तक तो बंदरों के हमले झेलने ही होंगे।

शहर में खूंखार बंदरों को पकड़ने में नगर निगम कई बार नाकाम साबित हुआ है। कभी इसके लिए तय बजट पर फर्म के सहमत न होने का बहाना बनाया गया तो कभी कोई फर्म टेंडर लेने के बाद भी बंदर पकड़ने नहीं आई। इस बीच बंदर लगातार शहर के लोगों पर हमला करते रहे है। 

एक साल के अंदर एक हजार से ज्यादा लोग इन हमलों के शिकार हुए। लोगों की शिकायतों का दबाव बढ़ा तो मथुरा के जाविद कांट्रेक्टर्स को एक हजार बंदर पकड़ने का ठेका दिया गया लेकिन आखिरकार यह मुहिम भी कागजी खानापूरी साबित होकर रह गई। बंदरों को न पकड़ने पर नगर निगम ने इस फर्म को काली सूची में जरूर डाल दिया।

हालत यह है कि शहर के कई इलाकों में लोगों का घरों की छतों पर जाना मुश्किल है। सड़कों-गलियों में भी उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए खुद उपाय करने पड़ रहे हैं। नगर निगम का दावा है कि एक अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक शहर में एक हजार बंदर पकड़े गए हैं लेकिन लोगों का कहना है कि शहर में बंदरों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

इन इलाकों में सबसे ज्यादा हमले
शहर के पवन विहार, सौदागरान, सिविल लाइंस, शाहबाद, खन्नू मोहल्ला, सिटी, आलमगीरीगंज, राजेंद्रनगर, किला, बड़ा बाजार, साहूकारा, बिहारीपुर,मौलानगर, कालीबाड़ी, भूड़, जाटवपुरा, रामपुर बाग के साथ पुराना शहर के कई इलाके और कॉलोनियां।

एक बंदर पकड़ने पर 134 रुपये
शहर में बंदर पकड़ने के लिए पिछले साल तीन फर्मों ने टेंडर डाले थे। ने सबसे कम दर पर टेंडर डालने वाली फर्म को एक हजार बंदर पकड़ने का टेंडर दिया गया। उसे एक बंदर पकड़ने पर 134 रुपये का भुगतान किया गया है।

आचार संहिता समाप्त होने के बाद टेंडर होगा। नई फर्म बंदर पकड़ने के लिए निविदा में भाग नहीं ले रही है। इसके कारण प्रयास किया जा रहा है कि एक पुरानी फर्म को ही जिम्मा सौंपा जाए। नई फर्म आगे नहीं आ रही है। - डॉ. आदित्य तिवारी, पशु चिकित्सा एवं कल्याण 

सीएमओ कार्यालय के प्रशासनिक अधिकारी को किया लहूलुहान
सीएमओ कार्यालय में तैनात प्रशासनिक अधिकारी डॉ. राकेश पर बुधवार को बंदरों के झुंड ने हमला कर लहूलुहान कर दिया। डॉ. राकेश ने बताया कि बुधवार सुबह वह राजेंद्रनगर की आवास विकास कॉलोनी स्थित अपने आवास की छत पर गए थे। छत पर पहुंचते ही बंदरों के झुंड ने उन पर हमला कर दिया और कुछ ही देर में बुरी तरह नोच डाला।

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