पीलीभीत: 60 फीसदी से अधिक बाकी काम, 10 जून तक कैसे पूरा होगा नये नालों का निर्माण

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Published By Afzal Khan
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पीलीभीत,अमृत विचार: मानसून में शहर को डूबने से बचाने के लिए नगरपालिका की ओर से कराए जा रहे नये नालों के निर्माण का कार्य सुस्त चाल है। अभी 35 फीसदी भी पूरा नहीं हो सका है। जबकि मानसून आने में 14 दिन शेष हैं। ऐसे में नगर पालिका के जिम्मेदारों की टेंशन बढ़ गई है। ठेकेदारों के साथ बैठक करके चेयरमैन ने 10 जून तक काम करने के निर्देश दिए हैं।

शहर में मानसून की बारिश में हर साल नालों के उफनाने की वजह से पूरा शहर पानी में डूबा जाता है। शहर का स्ट्रक्चर ऊंचा नीचा होने के चलते अधिक दिक्कत आने की बात जिम्मेदार कहते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए नगरपालिका की ओर से नौ करोड़ की लागत से 22 नये नालों का निर्माण कराने का टेंडर निकाला था।

जिसमें छतरी चौराहा, मौर्या मार्केट, टनकपुर हाईवे, अयोध्यापुरम आदि इलाकों के नाले हैं। ताकि पानी आसानी से निकल सके। यह टेंडर मार्च के आसपास निकाले गए थे। वर्क ऑर्डर जारी करते हुए काम भी शुरू करा दिया था। मगर लापरवाही के चलते अभी तक नालों का निर्माण 35 फीसदी भी पूरा नहीं हो सका है। छतरी चौराहा पर नाला खुदा पड़ा है। बाकी अन्य स्थानों पर मिट्टी के ढेर लगे हुए हैं।

इधर, 15 जून से मानसून शुरू होने जा रहा है। ठेकेदार काम पूरा करने में रुचि नहीं ले रहे हैं। जिस वजह से नगरपालिका भी परेशान हैं। ऐसे में नगरपालिका ने रविवार को अपने कार्यालय में ठेकेदारों की आपातकालीन बैठक बुलाई। जिसमें 22 नालों का ठेका लेने वाले ठेकेदारों को बुलाया गया।

जिसमें नगरपालिका चेयरमैन डॉ. आस्था अग्रवाल और ईओ लाल चंद भारती ने ठेकेदारों को निर्देश दिए है कि वह 10 जून तक काम पूरा कर लें। ताकि बारिश के मौसम में जलभराव की समस्या न होने पाए। ठेकेदारों को निर्देश दिए हैं कि वह अतिरिक्त श्रमिक लगाकर काम को पूरा करें। निर्धारित समय तक काम न पूरा करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

गुणवत्ता न भूल जाएं ठेकेदार, अयोध्यापुरम का मामला पहले ही दबाया
नाला निर्माण कार्य अभी साठ प्रतिशत से अधिक बकाया है।  चौदह दिन शेष बचे हैं। जिम्मेदार कार्य पूरा कराने पर जोर देते हुए दस जून की तिथि तय कर गए हैं। मगर गुणवत्ता को लेकर खेल न हो जाए, इस पर कोई ठोस प्लानिंग नहीं की गई है।  जबकि एक मामला पहले ही जांच के नाम पर दबा दिया गया।

बता दें कि टनकपुर हाईवे से सटी अयोध्यापुरम कॉलोनी में भी नये नाले का निर्माण कराया जा रहा है। 20 मई को कॉलोनी वासियों ने एडीएम वित्त एवं राजस्व ऋतु पुनिया से लिखित शिकायत की थी। जिसमें आरोप लगाया था कि इस नाले में गुणवत्ता पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।

एक परात सीमेंट है तो उसमें सात परात बालू का मिश्रण किया जा रहा है। नाले की परत पर एक इंच का मसाला डाला जा रहा है। नाले में हर जगह लीकेज अभी से हो रहा है। नाले का लेबल भी ठीक नहीं है। सरिया भी मानक के हिसाब से नहीं लगाई जा रही है।

इस पर एडीएम ने जांच कर कार्रवाई का आश्वासन तो दिया लेकिन न तो निर्माण कार्य रोका गया न ही कोई जांच अब तक हो सकी है। शुरुआत से ठेकेदार को एक सत्ताधारी का संरक्षण होने की बात कुछ कॉलोनीवाले कह रहे थे।  अब जांच न होने पर भी इसी का असर मानते हुए चर्चा तेज हो गई है। कहीं ऐसा न हो कि जल्द नाला निर्माण कराने के चक्कर में गुणवत्ता ही दरकिनार कर दी जाए।

नये नालों का निर्माण कार्य समयबद्ध तरीके से पूरा कराने के लिए ठेकेदारों संग बैठक की गई है। दस जून तक काम पूरा कराने के निर्देश दिए गए हैं। गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने के लिए कहा गया है- डॉ.आस्था अग्रवाल, चेयरमैन, नगर पालिका पीलीभीत

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