Kanpur: स्वदेशी तकनीक से रुकेगा सेना पर साइबर हमला, हेड क्वार्टर सेंट्रल कमांड लखनऊ और IIT कानपुर के बीच हुआ समझौता

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Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। भारतीय सेना के डाटा पर हमले को रोकने और उसे बेअसर करने का काम आईआईटी कानपुर करेगा। इसके लिए हेड क्वार्टर सेंट्रल कमांड लखनऊ और आईआईटी के बीच समझौता हुआ है। समझौते के तहत हेड क्वार्टर सेंट्रल कमांड में स्वदेशी रूप से विकसित और डेटा-संवेदनशील सॉफ्टवेयर की साइबर प्रूफिंग भी की जाएगी।

इस महत्वपूर्ण समझौते पर एसएम, वीएसएम, चीफ ऑफ स्टाफ (सीओएस) सेंट्रल कमांड लेफ्टिनेंट जनरल मुकेश चड्ढा और आईआईटी कानपुर के डीन, आरएंडडी प्रोफेसर तरुण गुप्ता ने हस्ताक्षर किए। इस समारोह में सीर्थीआईहब आईआईटी कानपुर के परियोजना निदेशक प्रोफेसर संदीप शुक्ला, मेजर जनरल शबीह हैदर नकवी, कर्नल हिरेन बोरा, कर्नल सजल थापा और लेफ्टिनेंट कर्नल वैभव आप्टे भी मौजूद रहे। 

यह समझौता ज्ञापन अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को एकीकृत करने व सैन्य सॉफ्टवेयर की सुरक्षा बढ़ाने के लिए किया गया है। आईआईटी के निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने कहा कि यह समझौता रक्षा बुनियादी ढांचे को सुरक्षित करने के हमारे चल रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है। 

इन बिंदुओं पर होगा काम यह समझौता ज्ञापन एक व्यापक साइबर रक्षा रणनीति बनाने पर केंद्रित है। जिसमें सक्रिय खतरे का पता लगाना, वास्तविक समय प्रतिक्रिया तंत्र और सुरक्षित सॉफ्टवेयर का विकास शामिल है। भारतीय सेना के अनुभव और आईआईटी कानपुर की शैक्षणिक और अनुसंधान उत्कृष्टता के साथ साइबर हमलों का सामना करने में परिष्कृत सिस्टम विकसित किया जाएगा।

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