नोएडा सीएमओ कार्यालय तक पहुंची दिल्ली के किडनी कांड की जांच, तलब किये गए रिकॉर्ड

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Published By Deepak Mishra
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नोएडा। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा द्वारा गुर्दा प्रतिरोपण (किडनी ट्रांसप्लांट) रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए एक डॉक्टर समेत सात लोगों को गिरफ्तार किए जाने के बाद गौतम बुद्ध नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से बुधवार को रिकार्ड तलब किये गए। सूत्रों के अनुसार, अब तक की पुलिस की जांच में पता चला है कि इस रैकेट के तार नोएडा, दिल्ली से लेकर बांग्लादेश तक जुड़े हुए हैं। 

गौतम बुद्ध नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुनील कुमार शर्मा ने बृहस्पतिवार को बताया कि दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की टीम ने अंग प्रतिरोपण की अनुमति से जुड़े दस्तावेज तलब किये जो उन्हें उपलब्ध करवा दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि अंग प्रतिरोपण की अनुमति जिला स्तरीय अंग प्रतिरोपण समिति देती है। यह अनुमति रिकॉर्ड की जांच के बाद कानूनी तरीके से दी जाती है। 

उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस की जांच में उनका कार्यालय पूरा सहयोग कर रहा है। दिल्ली अपराध शाखा की टीम ने वर्ष 2022 से अब तक गुर्दा प्रतिरोपण के लिए दी गई तमाम अनुमतियों की जांच शुरू कर दी है। बीते दो सप्ताह में, बांग्लादेश और दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में कथित तौर पर अंग प्रतिरोपण गिरोह संचालित करने के सिलसिले में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की एक चिकित्सक समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 

सूत्रों ने बताया कि एक गुप्त सूचना के आधार पर दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा दो महीने से इस अपराध की तह तक पहुंचने के लिए काम कर रही थी। उन्होंने बताया कि ज्यादातर दानदाता और प्राप्तकर्ता बांग्लादेश से हैं, जिन्हें सर्जरी के लिए फर्जी दस्तावेजों के जरिए भारत लाया गया।

उन्होंने बताया कि दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के एक नामी अस्पताल में गुर्दा प्रतिरोपण सर्जन के तौर पर काम कर रही एक महिला चिकित्सक पर 2021 से 2023 के बीच बांग्लादेश के कुछ लोगों की सर्जरी करने में संलिप्त होने का आरोप है। बताया जाता है कि महिला चिकित्सक ने नोएडा स्थित एक निजी अस्पताल में कथित तौर पर ये सर्जरी कीं, जहां वह ‘विजिटिंग कंसल्टेंट’ थी। 

डॉक्टर, उसके सहायक और तीन बांग्लादेशी नागरिकों सहित सात लोगों को बीते दो सप्ताह में गिरफ्तार किया गया है। डॉक्टर को निलंबित कर दिया गया है। सूत्रों ने बताया कि पकड़े गए कुछ आरोपियों के पास से बांग्लादेश उच्चायोग के फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए हैं। 

उन्होंने बताया कि आरोपी दानदाता से एक गुर्दा 4-5 लाख रुपए में लेते थे और प्राप्तकर्ता को 20 से 25 लाख रुपये में बेचते थे। उन्होंने यह भी बताया कि हर सर्जरी के दो लाख रुपये लिए जाते थे, अधिकतर सर्जरी नोएडा के एक नामी अस्पताल में की गईं तथा दानदाता और प्राप्तकर्ता को दिल्ली के जसोला में एक फ्लैट में रखा जाता था।  

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